Jharkhand Election Result 2024 : झारखंड की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को राज्य की बागडोर सौंप दी है. यह अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि झारखंड गठन के बाद पहली बार कोई सरकार पूर्ण बहुमत के साथ वापसी कर रही है. हेमंत सोरेन को जनता ने ऐसा बहुमत सौंपा है, जो इसके पहले किसी अन्य गठबंधन को हासिल नहीं हुआ है. निश्चित तौर पर झारखंड के आदिवासी समुदाय और हाशिए पर छूटे लोगों ने हेमंत सोरेन पर पूरा भरोसा जताया है. उनकी जीत में मंईयां योजना, बिजली बिल माफी और कृषि ऋण माफी का असर भी नजर आता है.
हेमंत सोरेन से जनता की भारी अपेक्षाएं हैं और उनके समक्ष इन पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है. जनता की अपेक्षा है कि हेमंत सोरेन प्रभावी और साफ सुथरा प्रशासन देंगे. जल, जंगल, जमीन में झारखंड की आत्मा बसती है, उनके सामने इसे सहेजने का अवसर है. इस बार विपक्ष खास कर भाजपा बहुत कमजोर है, लेकिन लोकतंत्र में विपक्ष की एक अहम भूमिका होती है. उम्मीद है कि विपक्ष राज्य के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएगा. यह हम सब जानते हैं कि आज झारखंड को जहां होना चाहिए था, वह वहां नहीं है. 24 साल में विकास की जो रफ्तार होनी चाहिए थी, वैसी नहीं रही है. लोगों को उम्मीद है कि हेमंत झारखंड के विकास को नयी रफ्तार देंगे. आम आदमी की तीन बुनियादी जरूरतें हैं- बिजली, पानी और सड़क. इन तीनों क्षेत्रों में अभी बहुत काम करना बाकी है.
प्रकृति झारखंड पर मेहरबान रही है. प्रकृति ने इतना खनिज देश के किसी अन्य राज्य को नहीं दिया है. इन खनिजों का दोहन तो होता है, लेकिन इसका पूरा लाभ न तो राज्य को मिल पाता है और न ही यहां के लोगों को. इन खनिजों पर आधारित उद्योग झारखंड में लगे, तभी राज्य को लाभ मिल पाएगा. झारखंड के बड़े हिस्से में सिंचाई की सुविधा नहीं है. सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम करना होगा.
झारखंड में सब्जी-फलों की अच्छी खेती होती है. यहां की सब्जी कोलकाता और मुंबई तक जाती है. पर इसका लाभ किसानों को न मिलकर बिचौलियों को मिलता है. कोल्ड स्टोरेज हों, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगें, तो किसानों का भाग्य बदल जायेगा. दो और अन्य क्षेत्र हैं-शिक्षा और स्वास्थ्य. राज्य के लोगों को पढ़ाई और चिकित्सा के लिए दक्षिण भारत जाना पड़ता है. अगर झारखंड को ही हेल्थ और एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाये, तो राज्य की तस्वीर बदल सकती है.