नये भारत के निर्माण की यात्रा

पिछले आठ वर्षो में स्वतंत्रता के बाद पहली बार गरीब और पिछड़े देश की सरकार में हितधारक बने हैं और अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़े हैं.

By अमित शाह, | May 30, 2022 7:52 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने आठ वर्ष पूरे कर लिये हैं. इस शासन को मैं नये भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं. यहां प्रश्न उठता है- यह नया भारत क्या है? नये भारत का अर्थ सशक्त, सक्षम, समर्थ एवं आत्मनिर्भरता की भावना युक्त भारत है और सुखद है कि पिछले आठ वर्षों में इस भारत की आधारशिला रखने का काम हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

इस दौरान देश के समक्ष कोविड संकट सहित अनेक बाधाएं और चुनौतियां आयीं, लेकिन मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश ने मजबूती से उनका सामना किया और नये भारत के निर्माण की यात्रा सतत जारी रही है. बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब भी कोविड के दुष्प्रभावों से उबरने के लिए संघर्षरत हैं.

कोविड का प्रभाव तो भारत में भी रहा, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों-निर्णयों के फलस्वरूप हमारी अर्थव्यवस्था को यह अधिक प्रभावित नहीं कर पाया. जब बड़े-बड़े देश कोविड के समक्ष घुटने टेक चुके थे, तब प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान करते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि संकल्प दृढ़ हो, तो आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है.

आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा से जहां हताश हो रहे जनमानस में आशा का संचार हुआ, वहीं इसके तहत घोषित बीस लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने का काम किया. इन प्रयासों का ही परिणाम है कि कोविड संकट को झेलने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है.

भारत आज छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सूचकांक में 2015 के 142वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है. भारत दुनिया का इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन गया है. आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की राह पकड़ कर चलता हुआ भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है.

वर्ष 2014 में जन-धन योजना के माध्यम से करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खुलवा कर उन्हें देश के अर्थतंत्र में शामिल करते हुए मोदी जी ने यह जाहिर कर दिया था कि यह सरकार समावेशी विकास के मॉडल के साथ आगे बढ़ेगी.

मोदी सरकार के शासन का मूल मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ दर्शाता है कि यह विकास के एक सर्वस्पर्शी एवं सर्वसमावेशी मॉडल को लेकर बढ़ रही है, जिसका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हुए उसके जीवनस्तर को ऊपर उठाना है.

उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, मुद्रा, पीएम किसान-मान निधि, स्वच्छ भारत, सौभाग्य, आवास, डीबीटी आदि योजनाओं के माध्यम से गरीबों का न सिर्फ आर्थिक सशक्तीकरण, बल्कि उन्हें सम्मान से जीने का अवसर देने का सफल प्रयास सरकार ने किया है. पहले भी योजनाएं बनती थीं, लेकिन योजनाओं का स्केल और उनके क्रियान्वयन की गति मोदी सरकार की विशेषता रही है.

अब योजनाओं को संख्या की सीमा में बांधे बिना सबके लिए बनाया जाता है. पिछले आठ वर्षो में स्वतंत्रता के बाद पहली बार गरीब और पिछड़े देश की सरकार में हितधारक बने हैं और अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़े हैं.

मोदी सरकार के शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी अभूतपूर्व मजबूती मिली है. आतंकवाद के प्रति यह सरकार का रुख जीरो टोलरेंस का है. अब आतंकी हमलों पर कांग्रेस सरकारों की तरह केवल निंदा-भर्त्सना कर कर्तव्य की इतिश्री नहीं की जाती, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के द्वारा आतंकियों को उनके घर में घुस कर मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है.

यह परिवर्तन देश के नेतृत्व की मजबूती के कारण ही संभव हुआ है. कांग्रेस सरकारों के समय अक्सर ऐसा भी सुनने को मिलता था कि भारतीय सेना के पास गोली-बारूद की कमी हो गयी है, लेकिन अब गोली-बारूद ही नहीं, सेना को सभी अत्याधुनिक संसाधनों एवं उपकरणों से युक्त रखने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

आज देश के आसमान की हिफाजत राफेल जैसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान कर रहा है, तो वहीं एस-400 जैसी सर्वश्रेष्ठ मिसाइल रक्षा प्रणाली भी कवच बन कर तैनात हो चुकी है. रक्षा सामग्री के लिए पहले दूसरे देशों पर निर्भर रहनेवाले भारत ने 2019 में 10 हजार करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उत्पादों का का निर्यात किया और 2025 तक इसे 35 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है.

यह सब इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीति का नहीं, राष्ट्रहित का विषय है. प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक के कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर तो देश को सुदृढ़ किया ही है, विश्व पटल पर भारत के गौरव को बढ़ाने का भी काम किया है. जलवायु संकट पर दुनिया को राह दिखाना हो या कोविड के विरुद्ध भारत की लड़ाई का विश्व के लिए मिसाल बनना हो, इन बातों ने विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है.

प्रधानमंत्री मोदी किसी देश में या वैश्विक मंच पर जाते हैं, तो उनके वक्तव्यों में प्रायः भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भरपूर जिक्र होता है. अपने वक्तव्यों के माध्यम से वे विश्व को भारत के प्रति एक नयी दृष्टि देते हैं. अब भारत किसी महाशक्ति के सामने झुके बिना देश के हित में अपना मत स्वतंत्रता पूर्वक रखता है. आज मोदी जी को संयुक्त राष्ट्र सहित अनेक देश सम्मानित कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक सम्मान भी मिला है. भारत के योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना इसका एक उदाहरण है.

मोदी जी देशहित में बड़े और कड़े निर्णय यदि लेते हैं, तो इसका एक प्रमुख कारण उनके प्रति जनता का अपार विश्वास है. आज उनके नेतृत्व पर जनता का ऐसा विश्वास है कि लोग उनके निर्णयों को स्वयं आगे बढ़ाने में लग जाते हैं. स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान हो, गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील हो, नोटबंदी का निर्णय हो या कोविड के दौरान लॉकडाउन की घोषणा, सभी मामलों में मोदी जी के आह्वान पर जनता ने सरकार का जो सहयोग किया, वह उनके प्रति लोगों के विराट विश्वास को ही दर्शाता है.

आज जब मोदी जी की सरकार ने आठ वर्ष पूरे किये हैं, तब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अमृतकाल में पूरे हुए ये आठ वर्ष अगले पच्चीस वर्षों के लिए देश को आगे ले जाने की दशा-दिशा तैयार करनेवाले हैं. मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने नये भारत की जो मजबूत आधारशिला तैयार की है, उस पर विश्व का नेतृत्व करनेवाला एक सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत आकार लेगा.

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