18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रधानमंत्री का संवाद

प्रधानमंत्री मोदी की संवाद शैली की एक बड़ी विशेषता यह है कि वे लोगों को भी चर्चा में शामिल करना पसंद करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और संबोधन उनकी अद्वितीय संवाद क्षमता को सिद्ध करते हैं. जिस प्रभावी ढंग से वे अपने विचारों का संप्रेषण करते हैं, उसकी ख्याति वैश्विक स्तर पर है. इस क्रम में उनके मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ का एक विशिष्ट स्थान है. इस कार्यक्रम का सौवां एपिसोड आगामी 30 अप्रैल (रविवार) को 11 बजे प्रातः प्रसारित होगा. रेडियो एवं टेलीविजन के आगमन के बाद विभिन्न देशों में राजनेता इन माध्यमों से अपनी जनता से संवाद करते रहे हैं, लेकिन ‘मन की बात’ जैसे नियमित कार्यक्रम का कोई अन्य उदाहरण हमारे समक्ष नहीं है.

आम तौर पर राजनेता जब अपना संबोधन देते हैं, तो उसमें राजनीति का पुट या प्रभाव होना स्वाभाविक है. यह बात प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर भी लागू होती है, लेकिन ‘मन की बात’ इस मामले में असाधारण है. अब तक के 99 एपिसोड का अगर सर्वेक्षण किया जाए, तो उसमें राजनीति का अंशमात्र भी परिलक्षित नहीं होता. वे हमेशा देश और जनता से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा करते हैं.

इतना ही नहीं, वे भारत के कोने-कोने में विभिन्न तरीकों से शानदार काम कर रहे लोगों, जिन्हें उनके आसपास के अलावा बहुत कम ही भारतीय जानते हैं, की उपलब्धियों और योगदान का नियमित रूप से उल्लेख करते हैं. इससे न केवल समूचा देश प्रेरित होता है, बल्कि स्थानीय एवं व्यक्तिगत प्रयासों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार भी होता है. ‘मन की बात’ के पहले एपिसोड का प्रसारण आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से तीन अक्टूबर, 2014 को हुआ था.

धीरे-धीरे बहुत से निजी रेडियो एवं टीवी नेटवर्क, सामुदायिक रेडियो और इंटरनेट चैनल भी इस कार्यक्रम का प्रसारण करने लगे. अपने रेडियो संबोधनों में प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, बेटियों की शिक्षा, स्त्री सशक्तीकरण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, खेती, छात्रों की परीक्षा, आत्मनिर्भर भारत, जल संरक्षण, विज्ञान के महत्व, कला की महिमा आदि अनगिनत विषयों पर बातचीत की है. इस कार्यक्रम को एक अरब से अधिक लोग सुनते हैं और बहुत से स्थानों पर इसे सामूहिक रूप से सुना जाता है.

उल्लेखनीय है कि 19 से 24 वर्ष के आयु के 62 प्रतिशत युवा नियमित रूप से ‘मन की बात’ सुनते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की संवाद शैली की एक बड़ी विशेषता यह है कि वे एकतरफा बातचीत की जगह लोगों को भी चर्चा में शामिल करना पसंद करते हैं. हर एपिसोड में वे श्रोताओं द्वारा भेजे गये पत्रों के अंश पढ़ते हैं और अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. वे अक्सर विभिन्न मसलों पर सुझाव भी आमंत्रित करते हैं और अच्छी सलाहों का उल्लेख भी करते हैं. इस सामाजिक व सामुदायिक संवाद के सौ एपिसोड पूरा होना एक ऐतिहासिक अवसर है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें