22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ड्रोन से दवा

जहां सड़क मार्ग से दवाओं को ले जाने में आठ घंटे का समय लगता था, वहां यह कार्य ड्रोन से केवल 22 मिनट में पूरा किया जा सकता है.


स्वास्थ्य सेवा में भी तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से सुविधाएं बेहतर हो रही हैं. देश के दूर-दराज और दुर्गम इलाकों में दवाओं की आपूर्ति एक बड़ी समस्या रही है. अब इस काम में हवाई ड्रोन की मदद ली जा रही है. अब तक ड्रोन के माध्यम से 10 हजार से अधिक मेडिकल उत्पादों की आपूर्ति की जा चुकी है. इस काम के लिए ड्रोनों ने 650 से अधिक उड़ानें भरी हैं तथा 15 हजार किलोमीटर से अधिक की कुल दूरी तय की है. इस ड्रोन परियोजना- मेडिसिन फ्रॉम द स्काई- में स्थानीय संगठनों के साथ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सहभागिता है. इस पहल के पहले चरण में तेलंगाना में 300 वैक्सीन की आपूर्ति की गयी थी, जिसमें निजी अस्पतालों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नीति आयोग की भी भागीदारी थी. धीरे-धीरे परियोजना को विस्तार दिया जा रहा है. दूसरे चरण का प्रारंभ अरुणाचल प्रदेश से हुआ. पहाड़ी क्षेत्रों में ड्रोन संचालन में भी मुश्किलें आती हैं. बारिश, तेज हवा आदि जैसी स्थितियों में तो मैदानी इलाकों में भी ड्रोन उड़ाना आसान नहीं होता है. फिर भी विशेष प्रकार के ड्रोनों से आपूर्ति का काम लिया जा रहा है और अब तक के अनुभवों के आधार पर आगे के लिए तैयारियां की जा रही हैं. दुर्गम क्षेत्रों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही लोगों का मुख्य सहारा होते हैं. वहां कार्यरत चिकित्साकर्मियों को ही तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करना होता है. कई बार ऐसा होता है कि आवश्यक दवाएं उन केंद्रों में उपलब्ध नहीं होतीं. मरीज को नजदीकी शहर भेजना या दवा ला पाना चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में जिला या प्रखंड के अस्पतालों से दवाएं लाने में ड्रोन बहुत सहायक साबित हो सकते हैं. मरीज की हालत के बारे में जानकर शहर में बैठे विशेषज्ञ उचित दवाई भी सुझा सकते हैं, जिन्हें ड्रोन से भेजा जा सकता है. ड्रोन के साथ इंटरनेट और मोबाइल फोन के संयोग से ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने में बड़ी सहायता मिल सकती है. जहां सड़क मार्ग से दवाओं को ले जाने में आठ घंटे का समय लगता था, वहां यह कार्य ड्रोन से केवल 22 मिनट में पूरा किया जा सकता है. इससे मरीज का खर्च भी बहुत कम हो जायेगा. इस परियोजना की प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने भी की है. मरीजों की सुविधा के साथ-साथ ऐसी परियोजनाएं रोजगार बढ़ाने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था के विस्तार में भी योगदान कर सकती हैं. ऐसी व्यवस्था को समूचे देश में लागू करने की आवश्यकता है तथा अन्य क्षेत्रों में भी इसका उपयोग होना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें