25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आतंक का विरोध जरूरी

भारत ने कनाडा से कहा है कि जो लोग भारत के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और हिंसा की वकालत कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

आतंकवाद विश्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है. लेकिन अनेक देश आतंकी संगठनों और सरगनाओं को शरण देते हैं, तो कुछ ऐसे देश भी हैं, जो अपनी विदेश एवं रक्षा नीति के एक तत्व के रूप में आतंक का इस्तेमाल करते हैं. फिर भी ऐसे देश दूसरों को लोकतंत्र, शांति और मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने की चेष्टा करते हैं. कनाडा के ऐसे रवैये से क्षुब्ध होकर भारत ने कहा है कि वहां हो रहा आतंकवाद का निरंतर महिमामंडन निंदनीय है. साल 1985 में एयर इंडिया के कनिष्क विमान को बम विस्फोट से तबाह करने की घटना के 39 वर्ष होने के अवसर पर कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने यह भी कहा है कि कनाडा में आतंक की प्रशंसा करने वाले आयोजनों को अनुमति देना दुर्भाग्यपूर्ण है. शांति के पैरोकार सभी देशों और लोगों को ऐसे कृत्यों की भर्त्सना करनी चाहिए. कनिष्क बम कांड कनाडा में बसे खालिस्तानी आतंकियों की करतूत थी, जिसमें विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गये थे. मृतकों में 86 बच्चे भी थे.

आज भी कनाडा, अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी देशों में पनाह लिये आतंकी एवं अलगाववादी ऐसे हमलों की सराहना करते हैं तथा भारत विरोधी कार्यक्रम करते रहते हैं. इतना ही नहीं, चार दशक बाद भी इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कनाडा सजा नहीं दे सका है. शांति एवं लोकतंत्र का समर्थक कहने वाले देश कनाडा की संसद में कुछ दिन पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को श्रद्धांजलि दी गयी, जिसकी हत्या पिछले साल जून में हुई थी. इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भारत ने कनाडा से कहा है कि जो लोग भारत के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और हिंसा की वकालत कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

आज विश्व में भारतीय मूल के लोग सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं. जिस भी देश में वे हैं, वहां के विकास में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं. इस कारण हर जगह उनका बड़ा सम्मान भी है. लेकिन उन देशों में कुछ भारत-विरोधी तत्व समुदाय की एकता और भाईचारे को तोड़ने में लगे हैं. ऐसे गिरोह अमेरिका और कनाडा से लेकर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत अनेक देशों में सक्रिय हैं. इन देशों की सरकारें भारत के लगातार अनुरोध के बाद भी रोक नहीं रही हैं. भारत को धमकी देने की प्रवृत्ति और भारतीयों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राजनीतिक लाभ के हिसाब से आतंक, अतिवाद और हिंसा को नहीं देखा जाना चाहिए तथा दूसरे देशों की एकता एवं अखंडता का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें