18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीमा पर नये पुल

इन पुलों से सैनिक यातायात को तो मदद मिलेगी ही, पूर्वी सीमा पर बसे 431 गांवों के लोगों को भी रोजमर्रा के जीवन में आसानी हो जायेगी.

चीन और पाकिस्तान से लगती करीब सात हजार किलोमीटर लंबी सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम तेजी पर है. रक्षा मंंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों का उद्घाटन कर दिया है. सीमा सड़क संगठन को इस वर्ष कुल 102 पुलों का निर्माण करना है. इन पुलों से सामानों से लदे ट्रकों व अन्य वाहनों के अलावा जरूरत पड़ने पर सबसे भारी युद्धक टैंकों का भी आवागमन हो सकता है.

दशकों से सीमावर्ती क्षेत्रों में समुचित इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से परहेज किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने तथा युद्ध की स्थिति में सैन्य साजो-सामान की आवाजाही आसान बनाने के लिए इस पहलू पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है. वर्ष 2008 और 2016 के बीच सीमा सड़क संगठन का बजट लगभग सवा तीन हजार से साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के बीच रहा था, लेकिन 2020-21 में बड़ी बढ़ोतरी कर इसे 11 हजार करोड़ से अधिक कर दिया गया है.

सोमवार को उद्घाटित पुलों के अलावा इस साल 10 पुलों का निर्माण पहले ही हो चुका है. बीते कई महीने से लद्दाख में चीनी सेना की आक्रामकता को देखते हुए भारत ने भी इस क्षेत्र में व्यापक सैनिक तैनाती की है तथा हमारी सेनाएं किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित अन्य इलाकों में भी भारतीय सेना चौकस है. ऐसे में इन पुलों का बनना भारत की रणनीतिक क्षमता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. रक्षा मंत्री द्वारा देश को समर्पित 44 पुलों में आठ लद्दाख में हैं. आठ पुल अरुणाचल प्रदेश में हैं, जहां भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सबसे अधिक गंभीर है.

चार पुल सिक्किम क्षेत्र में हैं, जहां 2017 में लंबे समय तक दोकलाम विवाद चला था. इन पुलों से सैनिक यातायात को तो मदद मिलेगी ही, देश की पूर्वी सीमा पर इन क्षेत्रों में बसे 431 गांवों के लोगों को भी रोजमर्रा के जीवन में बड़ी आसानी हो जायेगी. पुलों के अलावा सड़कों का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है. मोदी सरकार के कार्यकाल में पूर्वी सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 74 पुलों को बनाया जा चुका है. उम्मीद है कि अगले साल 20 और सड़कें तैयार हो जायेंगी. हिमालयी क्षेत्र दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में है.

वहां ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए तकनीक व मशीनों के साथ बड़ी मेहनत और लगन की दरकार भी होती है. इन उपलब्धियों के अनुभव भविष्य के लिए बहुत कारगर साबित होंगे. दो आक्रामक पड़ोसियों की मौजूदगी में सुरक्षा व्यवस्था को लगातार बेहतर करने की कवायद जारी रहनी चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सही ही इंगित किया है कि हालिया घटनाक्रमों से जाहिर होता है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत विरोधी चालें चल रहे हैं.

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें