20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नयी उपचार योजना

वर्ष 1990 में गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौतों का अनुपात 37.9 प्रतिशत था, जो 2016 में 61.8 प्रतिशत हो गया.

भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार गैर-संचारी रोगों, जैसे- कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज आदि, के उपचार के लिए नयी योजना लाने पर विचार कर रही है. उल्लेखनीय है कि ऐसी बीमारियां महामारी का रूप लेने लगी हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1990 में ऐसे रोगों से होने वाली मौतों का अनुपात 37.9 प्रतिशत था, जो 2016 में 61.8 प्रतिशत हो गया.

इन रोगों को नियंत्रित करने की एक बड़ी योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चल रही थी, पर उसमें रोगों की संख्या सीमित थी. यह योजना 2010 से चल रही थी. अब इस प्रस्तावित योजना में सभी तरह के गैर-संचारी रोगों को शामिल किया जा रहा है. इस संबंध में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पत्र भेजा गया है. गैर-संचारी रोग संक्रमण या स्पर्श से नहीं फैलते, फिर भी बड़ी संख्या में लोग इनके शिकार होते जा रहे हैं.

इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी दौड़ती-भागती जीवन शैली है, जिसमें रफ्तार तो दिखती है, पर शारीरिक सक्रियता के लिए स्थान कम ही है. खानपान को लेकर भी लोग लापरवाह होते जा रहे हैं. इसके साथ ही शराब और तंबाकू की लत भी बेतहाशा बढ़ती जा रही है. जल और वायु का प्रदूषण भी बड़ा घातक कारक है. एक बेहद चिंताजनक तथ्य यह भी है कि इन जानलेवा बीमारियों से युवा आबादी भी तेजी से ग्रसित होने लगी है.

गैर-संचारी रोग जहां मौत का सबसे बड़ा कारण बनते जा रहे हैं, वहीं ये हमारी सामूहिक कार्यक्षमता को भी कमजोर कर रहे हैं. इनके उपचार में खर्च से जहां रोगी और उसका परिवार त्रस्त हो जाता है, वहीं हमारे स्वास्थ्य तंत्र पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. यह स्थिति देश के वर्तमान और भविष्य के विकास के लिए बड़ा अवरोध है.

इसीलिए इनकी रोकथाम के लिए नयी नीति और कार्ययोजना की आवश्यकता है. यह सराहनीय है कि सरकार ने इस ओर कदम बढ़ा दिया है. इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने, मानव संसाधन बढ़ाने, जागरुकता का प्रसार करने तथा उपचार की ठोस व्यवस्था करने जैसे आयामों को प्राथमिकता दी जा रही है.

ऐसी बीमारियों का पता अगर शुरुआती चरण में ही लग जाए, तो उपचार आसान हो जाता है तथा जान का खतरा भी टल जाता है. इस कार्यक्रम में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. अब तक देशभर में बड़ी संख्या में विशेष क्लिनिक खोले जा चुके हैं. नये कार्यक्रम से उनकी तादाद भी बढ़ेगी और उन्हें अधिक संसाधन मुहैया कराये जायेंगे. आशा है, यह कार्यक्रम स्वस्थ और समृद्ध भारत बनाने के अभियान में बड़ी भूमिका निभायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें