आर्थिक प्रगति के नौ साल

नौ वर्षों के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

By संपादकीय | May 29, 2023 8:06 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते नौ वर्षों में लगातार ऐसे निर्णय लिये हैं और ऐसी नीतियों को कार्यान्वित किया है, जिनसे भारतीय अर्थव्यवस्था को गति और दिशा मिली है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभायी है और अपने सुधारवादी एजेंडे के लिए व्यापक समर्थन एवं सहयोग हासिल किया है. इन प्रयासों का ही परिणाम है कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है.

मोदी सरकार ने करोड़ों लाभार्थियों, जो मुख्य रूप से सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से वंचित समुदायों से संबंधित हैं, के खाते में नगदी का सीधे हस्तांतरण कर बड़ी आबादी को वित्तीय एवं आर्थिक व्यवस्था से जोड़ा है. इस समावेशी पहल ने अनुदानों को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाया है तथा इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है, जो दशकों से कल्याणकारी योजनाओं पर ग्रहण बना हुआ था.

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली स्वतंत्र भारत के कराधान तंत्र का सबसे बड़ा परिवर्तन माना जाता है. तकनीकी क्षमता से लैस इस कर व्यवस्था से राजस्व संग्रहण तो बढ़ा ही है, साथ ही व्यापारिक सुगमता को भी बढ़ावा मिला है. तकनीक पर सरकार के अतिरिक्त जोर ने लेन-देन और भुगतान तथा बैंकिंग तंत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव कर दिया है. आज हमें हर काम के लिए बैंक नहीं जाना होता है और न ही हर समय पास में बहुत अधिक नगदी रखनी पड़ती है.

समूचे देश में यूपीआई के माध्यम से भुगतान हो रहा है. मोबाइल और क्यूआर कोड से रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े-बड़े मॉल में खरीद-बिक्री की जा रही है. आधार, डिजीलॉकर, आरोग्य सेतु, को-विन आदि भी तकनीक के ऐसे सफल पहलों के उदाहरण हैं. इन कोशिशों तथा डिजिटल इंडिया अभियान से जो विशाल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बना है, उसका कोई अन्य उदाहरण दुनिया में नहीं मिलता है. ब्रॉडबैंड इंटरनेट, स्मार्टफोन और 5जी व 6जी जैसी तकनीकों की आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को विस्तृत करने में बड़ी भूमिका होगी.

सार्वजनिक बैंकों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बोझ से छुटकारा दिलाने तथा तबाही के कगार पर खड़ी कंपनियों को जीवनदान देने के उद्देश्य से दिवालिया संहिता को लाना एक बड़ा कदम है. मोदी सरकार के अंतर्गत देश को पहली राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति मिली है, जिससे घरेलू बाजार और निर्यात को लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो अभियान चलाया है, वह भविष्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार होगा.

Next Article

Exit mobile version