प्रधानमंत्री का अहम दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर हैं. पूर्वी यूरोप के इन दो देशों की यह यात्रा अनेक कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है. बीते 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है. पोलैंड के शीर्ष नेतृत्व से विचार-विमर्श करने के बाद वे सड़क और रेल मार्ग से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचेंगे.
PM Modi Poland visit: रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है, जिसके खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इस लड़ाई की वजह से ही यूक्रेन की वायु सीमा में जहाज नहीं चल रहे हैं. निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी की दोनों देशों की इस यात्रा का मुख्य मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध है. पोलैंड की सीमा यूक्रेन और बेलारूस से लगती है. पोलैंड यूरोपीय संघ एवं नाटो सैन्य गठबंधन का सदस्य है. ये दोनों समूह यूक्रेन के साथ हैं, जबकि बेलारूस का सहयोग रूस के साथ है. युद्ध के प्रारंभ से ही यह आशंका बनी हुई है कि इसका विस्तार हो सकता है और यह बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने निरंतर यह कहा है कि संवाद और कूटनीति से विवादों का समाधान किया जाना चाहिए. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सामने भी कहा था कि यह युग बुद्ध का है, युद्ध का नहीं. उनकी यूक्रेन यात्रा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि वे पिछले महीने के शुरू में रूस की यात्रा पर भी गये थे. उससे पहले इटली में हुई जी-7 समूह की बैठक के दौरान वे पश्चिमी नेताओं से भी मिल चुके हैं. उनकी भेंट यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी हो चुकी है. पश्चिमी देशों ने भी भारत से आग्रह किया है कि वह इस युद्ध को रोकने में अग्रणी भूमिका निभाये. भारत ने स्पष्ट किया है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता नहीं कर सकता, पर वह शांति स्थापित करने की अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में पूर्ण योगदान देगा. इसी कारण कुछ समय पहले स्विट्जरलैंड में आयोजित शांति बैठक में भारत ने हिस्सा लिया था.
सऊदी अरब में हुई बैठक में भी भारत की भागीदारी रही थी. हालांकि भारत और रूस के परस्पर संबंध बड़े गहरे और ऐतिहासिक हैं, लेकिन यूक्रेन से भी हमारे अच्छे रिश्ते रहे हैं. इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत से बहुत उम्मीदें हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंच पर जो साख बनायी है, उससे भी ऐसी अपेक्षाओं का आधार मिलता है. सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में यूक्रेन एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. उसके बाद यह पहला अवसर है, जब कोई भारतीय शासनाध्यक्ष उस देश की यात्रा कर रहा है. यह भी पहली बार हो रहा है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऐसे क्षेत्र में दौरा कर रहा है, जहां एक बड़ा युद्ध जारी है.