जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी
Prime Minister Modi at G-20 meeting : जी-20 के घोषणापत्र में पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में इस्राइल और फिलीस्तीन से द्विराष्ट्रीय समाधान निकालने की अपील तो की ही गयी, गाजा के मानवीय संकट का भी इसमें जिक्र हुआ.
Prime Minister Modi at G-20 meeting : ब्राजील के रियो द जेनेरियो में जी-20 शिखर बैठक की शुरुआत भूख व गरीबी से लड़ाई के लिए वैश्विक गठबंधन के साथ हुई, तो अमीरों पर टैक्स लगाने और युद्ध खत्म कर शांति स्थापित करने व वैश्विक शासन में सुधार लाने की प्रतिबद्धता के साथ यह बैठक संपन्न हुई.
जी-20 के घोषणापत्र में पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में इस्राइल और फिलीस्तीन से द्विराष्ट्रीय समाधान निकालने की अपील तो की ही गयी, गाजा के मानवीय संकट का भी इसमें जिक्र हुआ. बैठक के पहले दिन ‘भुखमरी और गरीबी के खिलाफ एकजुटता’ मुद्दे पर, जो पिछले साल नयी दिल्ली की शिखर बैठक में खाद्य सुरक्षा के लिए अपनाये गये सिद्धांतों को अमल में लाने की दिशा में अहम कदम है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में चल रहे युद्ध की वजह से खाद्य, तेल और उर्वरक संकट पैदा हुआ है और इसका सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ पर पड़ा है. यह चर्चा तभी सफल हो सकती है, जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और उसकी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखें. उन्होंने भूख और गरीबी के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन के लिए ब्राजील की पहल का समर्थन की प्रतिबद्धता तो दोहरायी ही, यह भी रेखांकित किया कि भारत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पोषण पर ध्यान देने के साथ वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान कर रहा है.
भूख और गरीबी के विरुद्ध प्रधानमंत्री का वक्तव्य जितना प्रभावी था, बैठक में भारत और भारतीय प्रधानमंत्री की छाप भी उतनी ही सुस्पष्ट थी. शिखर बैठक में प्रधानमंत्री का मोदी का गर्मजोशी से हुआ स्वागत विश्व बिरादरी में भारत का महत्व के बारे में बताने के लिए काफी था. बैठक के दूसरे दिन मोदी न सिर्फ वैश्विक नेताओं के बीच में थे, बल्कि उनके एक तरफ बाइडन और दूसरी तरफ मेजबान लूला डिसिल्वा थे. बैठक से इतर प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन समेत वैश्विक नेताओं से मुलाकात की और दूसरे देशों के साथ रिश्तों को आगे ले जाने की भी बात की. मसलन, उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात कर सुरक्षा, व्यापार तथा तकनीक के क्षेत्रों में काम करने की इच्छा जतायी, तो ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ हरित ऊर्जा, सुरक्षा, नवाचार और तकनीक जैसे क्षेत्रों में आपसी संबंध मजबूत करने की प्रतिबद्धता जाहिर की.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को उन्होंने पेरिस ओलंपिक और पारालंपिक खेलों की सफल मेजबानी के लिए बधाई दी, तो स्पेन, इंडोनेशिया, नॉर्वे, पुर्तगाल सहित तमाम देशों के नेताओं से वह मिले. जी-20 के नेताओं ने वैश्विक अस्थिरता खत्म करने की दिशा में जो बातें कहीं, वह तो महत्वपूर्ण है ही, भारत के लिहाज से यह शिखर बैठक दूरगामी महत्व का साबित हुआ.