16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना से बचाव

आगामी कुछ महीनों में कई त्योहार हैं तथा ऐसे आयोजन होने हैं, जिनमें अधिक भीड़ होती है. ऐसे में अधिक सावधानी और सतर्कता जरूरी है.

देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी चिंताजनक है. शनिवार को कुल 19,406 मामले सामने आये और 49 लोगों की मौत हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सात राज्यों- दिल्ली, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना- को विशेष निर्देश देते हुए निगरानी बढ़ाने को कहा है. इन राज्यों के अलावा कुछ अन्य राज्यों में भी संक्रमण बढ़ा है. निगरानी इसलिए भी आवश्यक है कि संक्रमितों के लक्षण और जांच नतीजों में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं.

आगामी कुछ महीनों में कई त्योहार हैं तथा ऐसे आयोजन होने हैं, जिनमें अधिक भीड़ होती है. ऐसे में अधिक सावधानी और सतर्कता जरूरी है. व्यापक स्तर पर टीकाकरण होने तथा लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से कोरोना वायरस का संक्रमण पहले की तरह खतरनाक नहीं रह गया है. जिन संक्रमितों की मौत हुई है, वे अन्य घातक बीमारियों से पहले से ही ग्रस्त थे, जिसे संक्रमण ने जानलेवा बना दिया है.

ऐसे में उन लोगों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है, जिन्हें मधुमेह, हृदय रोग या अन्य गंभीर बीमारियां हैं. बुजुर्गों को लेकर भी हमें चौकस रहना है. टीकों की दो खुराक ले चुके लोगों के लिए बूस्टर डोज की प्रक्रिया चल रही है, जिन्हें सरकारी केंद्रों पर निशुल्क लगाया जा रहा है. कुछ पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूस्टर खुराक लेने का आह्वान किया है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस बात पर जोर दे रहे हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि बूस्टर डोज को लेकर लोग बहुत अधिक उत्साह नहीं दिखा रहे हैं. अभी भी ऐसे लोग बचे हुए हैं, जिन्होंने या तो एक भी खुराक नहीं ली है या एक खुराक लेने के बाद लापरवाह हो गये हैं. किशोरों में भी टीकाकरण की रफ्तार संतोषजनक नहीं है. इससे कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर होती है. अभी भी कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने, हाथ धोते रहने तथा समुचित दूरी बरतने के निर्देश लागू हैं.

बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, शिक्षण संस्थान जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों में भी अधिकतर लोगों को बिना मास्क पहने हुए देखा जा सकता है. सरकार और चिकित्सकों की ओर से बार-बार यह आग्रह किया जा रहा है कि इनके पालन से परहेज ठीक नहीं है. ध्यान रहे, भले ही टीका लगाये हुए और अपेक्षाकृत युवा लोग संक्रमण का शिकार न हों, पर उनके माध्यम से वायरस वैसे लोगों तक पहुंच सकता है, जिनके लिए वह घातक हो सकता है.

कोरोना महामारी से हमें निजात मिल ही रही है कि मंकीपॉक्स के संक्रमण ने नयी चिंता पैदा कर दी है. बरसात के मौसम में विभिन्न प्रकार के फ्लू, डेंगू, बुखार आदि की समस्याएं भी आम हैं. ऐसी स्थिति में हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते हैं. संक्रमण की रोकथाम और टीकाकरण के मामले में भारत पूरी दुनिया में एक उदाहरण के रूप में स्थापित हुआ है. इस उपलब्धि को हमें और आगे ले जाना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें