रिकॉर्ड लाभांश
अगली सरकार को अपने कल्याण कार्यक्रमों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के खर्च में रिजर्व बैंक के लाभांश से बड़ी मदद मिलेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये अधिशेष या लाभांश हस्तांतरित करने की घोषणा की है. वर्ष 2022-23 की तुलना में यह लाभांश 141 प्रतिशत अधिक है. यह लाभांश वित्त वर्ष 2023-24 की अवधि में विदेशी और घरेलू परिसंपत्तियों से रिजर्व बैंक को हुई कमाई का हिस्सा है.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट में अनुमान लगाया गया था कि रिजर्व बैंक, सरकारी वित्तीय संस्थाओं एवं गैर-वित्तीय कंपनियों से सरकार को कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिल सकता है. इस हिसाब से केवल रिजर्व बैंक का लाभांश ही अनुमानित राशि से 40 प्रतिशत अधिक है.
यह सरकार को मिलने वाला सर्वाधिक लाभांश है. वर्ष 2022-23 में यह राशि 87,416 करोड़ रही थी. इससे पहले सबसे अधिक लाभांश 2018-19 में मिला था, जो 1.76 लाख करोड़ रुपये था. सरकार के खाते में यह राशि वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 की अवधि में दिखेगी, इसलिए अगली सरकार को अपने कल्याण कार्यक्रमों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के खर्च में इससे बड़ी मदद मिलेगी. इसके साथ ही बजट घाटे को भी नियंत्रण में रखा जा सकेगा.
अंतरिम बजट में वित्तीय घाटे को नॉमिनल जीडीपी के 5.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव की वजह से इस वर्ष फरवरी में पूर्ण बजट प्रस्तुत नहीं हो सका था. यह बजट जुलाई में नवनिर्वाचित सरकार के द्वारा पेश किया जायेगा. रिजर्व बैंक की भारी कमाई में विदेशी मुद्रा भंडार पर मिला अधिक ब्याज शामिल है. देश में भी परिसंपत्तियों से हुई अच्छी आमदनी की यही वजह है. मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के लिए रिजर्व बैंक समेत दुनिया के अधिकतर केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया है.
इस कमाई की एक वजह विदेशी मुद्रा भंडार के पुनर्मूल्यांकन से मिला फायदा भी है. मार्च के अंत में रिजर्व बैंक के पास 646 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जो अप्रैल में बढ़कर 648.56 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक ने अपने बोर्ड बैठक में यह भी रेखांकित किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती बनी हुई है. ऐसे में केंद्रीय बैंक ने आकस्मिक जोखिम निधि छह प्रतिशत से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत रखने का निर्णय लिया है.
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान के नेतृत्व में बनी समिति की सिफारिश के अनुसार रिजर्व बैंक की खाता-बही में इस निधि को साढ़े पांच से साढ़े छह प्रतिशत तक रखना होता है. बहरहाल, रिकॉर्ड लाभांश की प्राप्ति से सरकार को बजट प्रावधानों के लिए समुचित आवंटन करने में सहयोग मिलेगा.