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क्रिप्टोकरेंसी का नियमन

बिटकॉइन को लेकर भारत में भी डिजिटल तौर पर सजग और सक्रिय लोगों में दिलचस्पी रही है और वह इनमें निवेश कर पैसे भी कमाते रहे हैं. हालांकि भारत में अभी भी इन्हें लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.

पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी की बड़ी चर्चा हुई है. यह एक डिजिटल दुनिया की करेंसी है, जो नोट या सिक्कों जैसी पारंपरिक मुद्राओं की तरह नहीं दिखती. इनका कोई नियंत्रक नहीं होता. यानी ना तो भारत सरकार जैसी कोई सरकार और ना ही रिजर्व बैंक जैसा कोई केंद्रीय बैंक इसका नियंत्रण करता है. बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे लेकर कभी खबर आती है कि इसका इस्तेमाल करने वाले रातों रात अमीर हो गये, कभी खबर आती है कि बिटकॉइन का जादू खत्म हो गया.

मगर यह लगातार सुर्खियों में बना रहता है. अभी जून में खबर आयी कि बिटकॉइन वर्ष 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि, उसी महीने यह भी खबर आयी कि अमेरिका में वहां के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस और एक अन्य कंपनी बाइनेंस के खिलाफ अवैध तरीके से कारोबार करने के आरोप लगे हैं. अब इसी महीने खबर आयी कि बिटकॉइन की कीमत गिर गयी है. बिटकॉइन को लेकर भारत में भी डिजिटल तौर पर सजग और सक्रिय लोगों में दिलचस्पी रही है और वह इनमें निवेश कर पैसे भी कमाते रहे हैं.

हालांकि भारत में अभी भी इन्हें लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. मगर वास्तविकता यह है कि क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल जगत में स्थापित हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वास्तविकता को स्वीकार किया है. उन्होंने एक पत्रिका को इंटरव्यू में कहा है कि तकनीक में तेजी से जारी बदलाव एक सच्चाई है और इसे नजरअंदाज करने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि तकनीकी दुनिया के परिवर्तनों से दूर रहने की जगह उन्हें स्वीकार करने और उनके साथ सबको जोड़ने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक नियम कानून और इसकी रूपरेखा बनायी जानी चाहिए और यह किसी एक देश या देशों के समूह तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए. प्रधानमंत्री ने साथ ही जानकारी दी कि पिछले नौ महीनों में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ा है. अब चर्चा केवल वित्तीय स्थिरता तक सीमित ना रहकर इनके व्यापक आर्थिक प्रभावों पर हो रही है, और खास तौर पर उभरती अर्थव्यवस्था वाले और विकासशील देशों के संदर्भ में. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सारी दुनिया में अभी एक भ्रम की स्थिति है. ऐसे में यदि भारत की पहल पर इन्हें लेकर कोई वैश्विक नियमन व्यवस्था बनती है तो वह एक बड़ा कदम होगा.

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