ऑनलाइन गुंडागर्दी पर लगे लगाम
सोशल मीडिया कुत्सित मानसिकता वालों का अड्डा बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर महिलाओं का पीछा करनेवाले, असभ्य भाषा का इस्तेमाल करनेवाले बढ़ते ही जा रहे हैं.
आशुतोष चतुर्वेदी, प्रधान संपादक, प्रभात खबर
ashutosh.chaturvedi@prabhatkhabar.in
आजकल नये किस्म के गुंडे बढ़ते जा रहे है. ये सूचना युग के ऑनलाइन गुंडे हैं, जो अदृश्य रह कर शिकार करते हैं. ये सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. ये आमतौर पर कानून के शिकंजे से बचे रहते हैं. इन्हें ट्रोल्स कहते हैं. ट्रोलिंग अब हमारे समाज के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है. हम जानते हैं कि सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है, मगर ट्विटर और फेसबुक ऐसे घिनौने लोगों पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा है. आइटी एक्ट में ऐसे लोगों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है, फिर भी ट्रॉलर्स छुट्टा घूम रहे हैं.
पिछले दिनों ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को लेकर सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले एक शख्स ने उन्हें और उनकी पांच वर्षीय बेटी जीवा को धमकी दी है. पिछले कुछ समय से ट्विटर पर धौनी को हेटर्स ट्रोल कर रहे हैं और वे लोग उनकी मासूम बच्ची को भी नहीं बख्श रहे हैं. सोशल मीडिया पर धमकी की वजह यह है कि धौनी का आइपीएल में प्रदर्शन निराशाजनक है.
धौनी की बेटी के बारे में जिस तरह की टिप्पणी एक यूजर ने की, वह कतई स्वीकार्य नहीं है. ऐसे व्यक्ति को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए. ट्रोलर्स के भद्दे कमेंट्स के खिलाफ देशभर से धौनी और जीवा के समर्थन में लोग सामने आये हैं. पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने ट्विटर के माध्यम से ऐसे ट्रोलर्स को लताड़ा है. उन्होंने ट्वीट किया कि सभी खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं. कई बार ऐसा होता है कि लोग इसमें सफल नहीं पाते हैं, लेकिन यह किसी को भी अधिकार नहीं देता कि वह उनके बच्चों को धमकी दे.
सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर और फेसबुक कुत्सित और परपीड़क मानसिकता वालों का अड्डा बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर महिलाओं का पीछा करनेवाले, असभ्य भाषा का इस्तेमाल करनेवाले बढ़ते ही जा रहे हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि हाल के दिनों में जिस चीज का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हुआ है, वह है अभिव्यक्ति की आजादी. सोशल मीडिया पर आये दिन इसके उदाहरण देखने को मिल जाते हैं. आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि स्थिति कितनी गंभीर है.
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ‘रेप कैसे करें’ जैसी पोस्ट वायरल हो गयी थी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसकी जांच शुरू की है. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह पोस्ट भारत के बाहर की लगती है और इसे कुछ लोकल सोशल मीडिया हैंडल्स ने शेयर किया है. महिला संगठनों ने इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट्स शेयर कर पुलिस से कार्रवाई की मांग की है. ट्रोलिंग करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं.
ट्रोलिंग मजे के लिए भी हो सकती है और सुनियोजित भी हो सकती है. मौजूदा समय में सभी बड़े राजनीतिक दलों के पास ट्रोल्स की बड़ी फौज है. उनका काम है पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना और इस बात का ध्यान रखना कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया में कोई नकारात्मक राय न बन पाए. साथ ही पार्टी से जुड़े ये ट्रोल विरोधी दल की नकारात्मक छवि पेश करने की हर संभव कोशिश करने में भी जुटे रहते हैं. चुनावों में तो इनकी भूमिका और बढ़ जाती है.
कॉरपोरेट ट्रोलिंग में कारोबारी हिसाब चुकता किये जाते हैं. जैसे किसी प्रतिस्पर्धी कंपनी के बारे में बेबुनियाद बातें फैलायी जाती हैं और अपनी कंपनी के बारे में सुनहरी तस्वीर पेश की जाती हैं, ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे. कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिनके पीछे ट्रोल लगातार पड़े रहते हैं. इनमें से एक हैं अनुष्का शर्मा. विराट कोहली को लेकर वह हमेशा निशाने पर रहती हैं. विराट के अच्छा न खेलने पर अनुष्का को निशाना बनाया जाता है और उन पर असभ्य टिप्पणियां की जाती हैं. एक बार तो विराट कोहली को कहना पड़ा था कि भगवान के लिए अनुष्का शर्मा को इसमें न घसीटो. ऐसा देखा गया है कि महिलाओं को ट्रोलिंग का ज्यादा निशाना बनाया जाता है.
अक्सर ट्रोलर्स के तथ्य भी सही नहीं होते हैं. मिसाल के तौर पर धौनी को ही लें. धौनी की कप्तानी की वजह से चेन्नई सुपर किंग आइपीएल इतिहास की सबसे सफल टीमों में से एक है. धौनी की कप्तानी में सीएसके ने तीन खिताब जीते हैं. धौनी अपनी टीम को आइपीएल में 100 से अधिक मैच जिताने वाले अकेले कप्तान हैं. पिछले साल उनकी टीम फाइनल तक पहुंची थी, जबकि 2018 में उसने खिताब जीता था. इस सीजन की शुरुआत सीएसके ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत से की थी. यह सही है कि इसके बाद से टीम ने लगातार कई मैच गंवाये. धौनी ही क्या, कोई भी खिलाड़ी हमेशा फॉर्म में नहीं रह सकता है.
हर खिलाड़ी के खेल जीवन में उतार-चढ़ाव का दौर आता है, लेकिन धौनी विकेट के पीछे आज भी उतने ही सक्रिय हैं. धौनी ने केकेआर के खिलाफ मैच में जिस तरह का कैच पकड़ा, वैसा कम ही देखने को मिलता है. ड्वेन ब्रावो की गेंद का सामना केकेआर के बल्लेबाज शिवम मावी कर रहे थे. ब्रावो की गेंद पर मावी ने गेंद को हिट करने की कोशिश की, लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई विकेट के पीछे गयी. इस पर धौनी ने गेंद को कैच करने के लिए अपनी दाहिनी तरफ डाइव लगायी, लेकिन गेंद उनके हाथ से लगकर थोड़ी दूर चली गयी, पर धौनी ने कमाल की फुर्ती दिखाते हुए वह कैच पकड़ ही लिया. विकेट के पीछे आइपीएल के इस सीजन का यह सर्वश्रेष्ठ कैच माना जा रहा है.
धौनी वह खिलाड़ी हैं, जिसे भारतीय क्रिकेट प्रशंसक कभी भुला नहीं पायेंगे. आप ऐसे खिलाड़ी का नाम गिनाएं, जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कोई शॉट दिया हो. धौनी ने क्रिकेट को हेलीकॉप्टर शॉट दिया और आज दुनिया के सभी दिग्गज खिलाड़ी उसे लगाने की कोशिश करते हैं. मैं पहले भी कहता आया हूं कि धौनी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का चाल, चरित्र और चेहरा बदल दिया. इसके पहले भारतीय क्रिकेट टीम में केवल मुंबई और दिल्ली के खिलाड़ियों का बोलबाला था. झारखंड से निकले इस क्रिकेटर ने न केवल टीम में जगह बनायी, बल्कि उसे नयी ऊंचाइयों तक ले गया.
उसने टीम का न केवल सफल नेतृत्व किया, बल्कि छोटी जगहों से आने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए टीम में आने का रास्ता भी खोला. इसमें तो कोई दो राय नहीं है कि उन्होंने झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है. भारतीय क्रिकेट के प्रति धौनी से ज्यादा समर्पित कोई खिलाड़ी नहीं है. कहने का आशय यह कि क्रिकेट के प्रति ऐसे समर्पित व्यक्ति को भी टोलर्स नहीं छोड़ रहे हैं. यह ट्विटर और फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे लोगों को चिह्नित करें और उसे इंटरनेट की दुनिया से बाहर करें, दंडित करें.
Posted by : Pritish Sahay