विकास का संकल्प

आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम को आकांक्षी जिला कार्यक्रम के आधार पर शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में लागू किये गये आकांक्षी जिला कार्यक्रम को स्वतंत्र भारत के शीर्ष 10 कार्यक्रमों में एक बताया है.

By संपादकीय | October 2, 2023 8:16 AM

भारत के विकास की चर्चा सारी दुनिया में होती है, मगर यह विकास तब तक अधूरा समझा जायेगा, जब तक उसका लाभ हर जगह और हर किसी तक नहीं पहुंचता. यह स्थापित सत्य है कि कोई देश तभी आगे बढ़ता है, जब वहां के हर हिस्से और समाज के हर तबके का विकास होता है. जिस प्रकार परिवार में उसके मुखिया या अभिभावक का कर्तव्य परिवार के हर सदस्य की जरूरतों का ध्यान रखना होता है, वैसे ही सरकारों को पूरे देश और समाज का ध्यान रखना चाहिए. इसी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगर वर्ष 2047 में भारत को विकसित देश बनना है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरों में तो भव्यता दिखे और गांव पीछे रह जाएं. प्रधानमंत्री ने गत शनिवार को संकल्प सप्ताह का शुभारंभ किया, जिसके तहत देश में ब्लॉक स्तर पर विकास के बारे में चर्चा होगी.

प्रधानमंत्री ने इस साल सात जनवरी को ऐस्पिरेशनल ब्लॉक्स प्रोग्राम (एबीपी) यानी आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम लागू किया था. इसके तहत विकास के विभिन्न मानकों के आधार पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 329 जिलों में 500 ब्लॉकों की पहचान की गयी थी. इसके बाद इन ब्लॉकों में प्रशासन व्यवस्था में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं. कार्यक्रम के तहत ग्राम और ब्लॉक स्तर पर चिंतन शिविरों का आयोजन कर विकास की रणनीति तैयार करने की कोशिश होती है. इन्हीं चिंतन शिविरों के आधार पर अब इन सभी 500 ब्लॉकों में तीन अक्तूबर से नौ अक्तूबर तक संकल्प सप्ताह मनाया जायेगा. पहले दिन दिल्ली में देशभर के पंचायत और ब्लॉक स्तर के लगभग 3000 प्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

इसके बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जैसे विकास से जुड़े किसी एक मुद्दे पर चर्चा होगी और हर आकांक्षी ब्लॉक में उसी आधार पर कार्य होंगे. आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम को आकांक्षी जिला कार्यक्रम के आधार पर शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में लागू किये गये आकांक्षी जिला कार्यक्रम को स्वतंत्र भारत के शीर्ष 10 कार्यक्रमों में एक बताया है. उन्होंने कहा है कि विकास के लिए जरूरी संसाधनों का बराबरी से बंटवारा होना चाहिए, लेकिन जहां जरूरत ज्यादा है, वहां ज्यादा संसाधन देना चाहिए. यह सोच बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम आम जीवन में भी देखते हैं कि जिनके पास पहले से संसाधन हों, उन्हें ज्यादा संसाधन देने से वे उनका मूल्य नहीं समझ पाते. भारत के समग्र विकास के लिए आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम जैसे प्रयास आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं.

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