25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Road Accident: सड़क हादसों में मौत और भारत

Road Accident: सड़क हादसों में होने वाली मौतों में भारत सबसे ऊपर है. सरकार 2025 तक इसमें कमी लाना चाहती है. पर यह तभी संभव है, जब सड़क सुरक्षा के मामले में नागरिक भी सजग और जिम्मेदार बनें.

Road Accident: सड़क निर्माण से लेकर रख-रखाव में भारी खर्च करने और ढांचागत क्षेत्र में लगातार निवेश बढ़ाने के बावजूद सड़क हादसों में होने वाली मौतों में भारत का अव्वल बने रहना चिंताजनक है. वर्ष 2022 में सड़क हादसों से देश में 1,68, 491 लोगों की मौत हुई थी. वर्ष 2023 में यह संख्या बढ़कर 1,73,000 हो गयी. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में सड़क हादसों में सालाना 13 लाख लोग जान गंवाते हैं.

कोविड के दौरान सड़क हादसों में मौत के आंकड़े घटे

कोविड के दौरान सड़क हादसों में मौत के आंकड़े घटे थे, लेकिन फिर आंकड़े बढ़ते गये. वर्ष 2022 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों में होने वाली मौत के आंकड़ों पर चिंता जतायी थी. अपने यहां सड़क हादसों में प्रति 10,000 किलोमीटर पर मरने वालों की दर 250 है. जबकि अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया में यह क्रमश: 57, 119 और 11 है. सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही, अतिक्रमण और सड़कों पर घूमते आवारा पशु, बसों और दूसरे वाहनों के रख-रखाव में लापरवाही, शराब पीकर गाड़ी चलाना, वाहनों की बेलगाम रफ्तार, हेलमेट और सीट बेल्ट के इस्तेमाल के प्रति कोताही और अनेक मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस का फर्जी होना सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं. लोगों के पास वाहन हैं और आसपास अच्छी सड़कें भी हैं. लेकिन सही तरीके से गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण ज्यादातर लोगों के पास नहीं है. कुल सड़क नेटवर्क में राजमार्गों की हिस्सेदारी महज पांच फीसदी है, लेकिन कुल सड़क हादसों में इनकी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है!

गलत सड़क इंजीनियरिंग भी हादसों का एक बड़ा कारण

राज्य और केंद्र स्तर पर हस्तक्षेपों के बावजूद सड़क सुरक्षा मानकों में बहुत कम सुधार हुआ है. नितिन गडकरी के मुताबिक, गलत सड़क इंजीनियरिंग भी हादसों का एक बड़ा कारण है. पिछले एक दशक में सड़क हादसों में देश में लगभग 15 लाख लोग मारे गये हैं, जो बहरीन की आबादी के बराबर है. इन हादसों में जान गंवाने वाले ज्यादातर कामकाजी आबादी का हिस्सा होते हैं. वर्ष 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 69.8 फीसदी 18 से 45 साल के थे. यानी इन हादसों का संबंधित परिवारों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 2025 तक सड़क हादसों में कमी लाना चाहता है. ‘द लैंसेट’ का भी मानना है कि सड़क सुरक्षा के उपायों में सुधार लाकर भारत में सालाना 30,000 लोगों की जान बचायी जा सकती है. लेकिन यह तभी संभव है, जब सरकारी कोशिशों के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के मामले में नागरिक भी सजग और जिम्मेदार बनें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें