पिछले दो दिनों में जहाज में बम होने की झूठी धमकियों के कारण दस उड़ानें प्रभावित हुई हैं. ये उड़ानें एयर इंडिया, अकासा, इंडिगो, स्पाइस जेट, अलायंस एयर आदि विभिन्न भारतीय कंपनियों की हैं. नयी दिल्ली से अमेरिका के शिकागो जा रही एयर इंडिया की उड़ान को कनाडा ले जाना पड़ा, तो सिंगापुर जा रही उड़ानों को लड़ाकू विमानों की सुरक्षा में उतारना पड़ा. जहाजों में बम होने की धमकी सोशल मीडिया पर दी गयी थी. कुछ दोषी अकाउंट को बंद कराया गया है. विभिन्न एजेंसियों द्वारा सभी मामलों की जांच की जा रही है. अभी यह कह पाना मुश्किल है कि इन झूठी अफवाहों के पीछे कौन लोग या समूह हैं तथा उनके इरादे क्या हैं. मुंबई पुलिस ने छत्तीसगढ़ के दो लोगों को तलब किया है, जो पिता-पुत्र हैं. सोमवार को तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बम होने के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट से इनका संबंध बताया जा रहा है. यह तो जांच-पड़ताल के बाद ही पता चल पायेगा कि ये धमकियां आपराधिक शरारत हैं या किसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा. फिलहाल सबसे जरूरी यह है कि जहाजों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को अधिक मुस्तैद किया जाए. संबंधित विभागों ने आश्वस्त किया है कि स्थापित मानकों के अनुसार सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किये जा रहे हैं. किसी भी प्रभावित जहाज में कोई विस्फोटक या नुकसानदेह सामग्री नहीं मिली है तथा पड़ताल के बाद उन जहाजों को उड़ान भरने की अनुमति दी जा चुकी है. भारत उन कुछ देशों में है, जो विमान अपहरण और जहाजों को बम से उड़ाये जाने जैसे आतंकी करतूतों के भुक्तभोगी हैं. देश के भीतर और बाहर ऐसे कई तत्व सक्रिय हैं, जो मौका मिलते ही ऐसी हरकतों को अंजाम दे सकते है. ऐसे हमलों की धमकियां भी अक्सर दी जाती हैं. ऐसे में इन झूठी धमकियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उड़ानों का रास्ता बदलने, बीच में उतारने और जांच करने में आर्थिक नुकसान भी होता है तथा यात्रियों, विमान कर्मियों और सुरक्षाबलों को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट भी सहना पड़ता है. यह भी आशंका निराधार नहीं है कि आतंकी गिरोह झूठी धमकियों से ध्यान भटकाकर किसी तरह के हमले को अंजाम दे सकते हैं. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने साइबर सुरक्षा एजेंसियों से सहयोग मांगा है ताकि फर्जी धमकियों के बारे में अधिक जानकारी मिल सके. हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ आतंक विरोधी इंतजाम भी किये जा रहे हैं. हवाई अड्डा प्राधिकरण तथा एयरलाइंस भी सचेत हैं. सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने में यात्रियों से भी सहयोग अपेक्षित है. सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने और खतरनाक अफवाह से लेकर आपराधिक एवं आतंकी गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया का बढ़ता इस्तेमाल बेहद चिंताजनक है.
विमान में बम की अफवाह
फिलहाल सबसे जरूरी यह है कि जहाजों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को अधिक मुस्तैद किया जाए.
By संपादकीय
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