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स्कूल बंद रहें

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को खोलने के संबंध में राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा कोई भी निर्देश जारी नहीं किया है.इसका सीधा मतलब है कि अगले आदेश तक सभी शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी. यह स्पष्टीकरण इसलिए देना पड़ा है क्योंकि मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें छापी गयी थीं कि केंद्र ने सभी राज्यों को स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है. सरकार की ओर से बार-बार कहा जाता रहा है कि लॉकडाउन हटाने केबाद भी विभिन्न गतिविधियों के संचालन की अनुमति स्थिति को देखकर दीजायेगी और यह सब चरणबद्ध तरीके से होगा.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को खोलने के संबंध में राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा कोई भी निर्देश जारी नहीं किया है.इसका सीधा मतलब है कि अगले आदेश तक सभी शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी. यह स्पष्टीकरण इसलिए देना पड़ा है क्योंकि मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें छापी गयी थीं कि केंद्र ने सभी राज्यों को स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है. सरकार की ओर से बार-बार कहा जाता रहा है कि लॉकडाउन हटाने केबाद भी विभिन्न गतिविधियों के संचालन की अनुमति स्थिति को देखकर दीजायेगी और यह सब चरणबद्ध तरीके से होगा.

अपुष्ट और भ्रामक खबरों केप्रसारण और प्रकाशन के बारे में भी हिदायतें दी गयी हैं. ऐसे में शिक्षा संस्थाओं के खुलने को लेकर समाचार प्रकाशित करना अनुचित है. देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.लॉकडाउन के चौथे चरण में जो छूट दी गयी है, उसमें संपर्क सीमित रखने,समूह नहीं बनाने, साफ-सफाई का ध्यान रखने आदि का ठोस नियमन है. इस चरण की समाप्ति के बाद भी सावधानी और सतर्कता की जरूरत होगी. कई विशेषज्ञ यह चेतावनी भी दे चुके हैं कि वायरस के संक्रमण का चरम चरण आगामी दिनों मेंआ सकता है. ऐसे में स्कूल खोलकर बच्चों को किसी जोखिम में डालना समझदारीकी बात नहीं है. जहां संभव है, वहां ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं और शिक्षक मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध हैं.

घरों में माता-पिता की निगरानी में पठन-पाठन कर बच्चे स्कूल बंद होने की भरपाई कर रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्कूली कक्षाओं की जगह ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले सकती हैं औरस्कूल जाना बच्चों के पूरे विकास के लिए जरूरी है, लेकिन यह एक सच्चाई है कि हम एक ऐसी खतरनाक महामारी से जूझ रहे हैं, जिसका कोई उपचार उपलब्ध नहीं है. बच्चों के स्वभाव को देखते हुए स्कूलों में मिलने-जुलने से रोकना और निर्देशों का सही ढंग से पालन कराना आसान काम नहीं होगा.दुर्भाग्य से अगर संक्रमण फैला, तो उसके दायरे में कई परिवार और मुहल्लेआ सकते हैं. सो, फिलहाल स्कूलों को बंद रखना ही उचित है. चूंकि यह संकट का दौर है और वायरस के फैलाव की रोकथाम करने के साथ अर्थव्यवस्था की मुश्किलों का भी समाधान निकालना है, सो हमें अपनी प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्ट रवैया अपनाना होगा. अनेक जानकार सलाह दे रहे हैं कि स्कूली पढ़ाई और परीक्षाओं को कुछ समय के लिए टाल देना चाहिए. छोटे बच्चों और निचली कक्षाओं में यह आसानी से किया जा सकता है. माध्यमिक परीक्षाओं के परिणाम कुछ समय में आने की उम्मीद है, तब की स्थिति के अनुसार अगली कक्षा में या कॉलेज में प्रवेश से जुड़े निर्देश दिये जा सकते हैं. इस मसले पर बहुत अधिक चिंता की आवश्यकता नहीं है और हमें संकट से निकलने पर ध्यान देना चाहिए.

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