20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत पर भरोसा

देश में निर्मित वस्तुओं को देश के बड़े बाजार के लिए तो बनाया ही जा रहा है, उन्हें गुणवत्ता की दृष्टि से भी बेहतर करने पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी पैठ बन सके.

वर्ष 2023 के साथ-साथ वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था से संबंधित 2022 और उसके पहले की समस्याएं भी आयी हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. वर्तमान वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के उप प्रबंध निदेशक अंतोनित सायह ने कहा है कि कोरोना महामारी के प्रभावों से बहुत हद तक बाहर निकल चुका भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था के लिए चमकता बिंदु है.

उन्होंने समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं के औसत से भारत की अधिक वृद्धि दर को भी रेखांकित किया है. कुछ समय पहले विश्व बैंक ने भी ऐसी ही भावनाएं प्रदर्शित करते हुए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर के अपने पूर्ववर्ती आकलन में सुधार करते हुए उसे बढ़ा कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. अनुमानों में ऐसे संशोधन कभी-कभार ही होते हैं. मुद्रा कोष की वरिष्ठ अधिकारी ने सुझाव दिया है कि भारत को सेवा क्षेत्र के निर्यात में अपनी मजबूत स्थिति को विस्तार देना चाहिए तथा ऐसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना चाहिए, जिनसे रोजगार के अधिक अवसर भी सृजित हों.

कुछ वर्ष से भारत ने निर्यात बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है. इस वित्त वर्ष में तीन तिमाहियों में ही 500 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप देश को हर तरह से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. देश में निर्मित वस्तुओं को देश के बड़े बाजार के लिए तो बनाया ही जा रहा है, उन्हें गुणवत्ता की दृष्टि से भी बेहतर करने पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी पैठ बन सके.

इस संबंध में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना बड़ी पहल है. उत्पादन, वितरण और निर्यात को स्तरीय बनाने के क्रम में देश में पहली बार राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति बनायी गयी है. भारत विदेशी निवेश का भी बड़ा गंतव्य बन गया है. अनेक सुधारों से आकर्षित होकर बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने संयंत्र लगा रही हैं तथा भारतीय उद्योगों से साझेदारी कर रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने देश को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अहम हिस्सेदार बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है. सुधारों और उनके सकारात्मक परिणामों को विश्व भर के उद्योग भी देख रहे हैं तथा मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसे शीर्षस्थ वित्तीय संस्थान भी. दक्षिण एशिया क्षेत्र ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि में 15 प्रतिशत का योगदान किया है, जिसमें बांग्लादेश के साथ भारत की अग्रणी भूमिका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें