17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अनियंत्रित ओटीटी प्लेटफॉर्म

देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई कानून या नियम नहीं हैं क्योंकि यह एक नया माध्यम है. ओटीटी के नियमन की चर्चा बहुत समय से चल रही है. पर यह नियमन कौन करेगा, इसे लेकर सहमति नहीं हो पाती.

पिछले कुछ वर्षों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने बड़ा जोर पकड़ा है. इसने टीवी और सिनेमा पर निर्भर रहने वाले दर्शकों को इंटरनेट के माध्यम से स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी पर वीडियो देखने का एक नया विकल्प दिया है. अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स, डिज्नी हॉटस्टार आदि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स घर-घर तक पहुंच चुके हैं. लेकिन, आहिस्ता-आहिस्ता यह महसूस किया जाने लगा कि ओटीटी पर उपलब्ध बहुत सारी सामग्रियों को घर में सबके साथ बैठकर देखना संभव नहीं है.

वहां ऐसी सामग्रियों की भरमार है, जिसमें अश्लीलता, गाली-गलौज, नशा, हिंसा, पूर्वाग्रह से भरी सामग्रियों का धड़ल्ले से प्रयोग होता है. कई दफा भावनाओं को आहत करने के भी आरोप लगे, जिनके बाद विरोध और विवाद हुए. इन्हीं सबके बीच इन प्लेटफॉर्म्स पर परोसी जाने वाली सामग्रियों की निगरानी और उनके नियमन की बातें उठीं. इन्हीं चिंताओं के बीच अब केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सख्त लहजे में स्पष्ट कर दिया है कि सरकार रचनात्मकता की स्वतंत्रता के नाम पर भारतीय समाज और संस्कृति के साथ खिलवाड़ को स्वीकार नहीं करेगी.

उन्होंने ओटीटी प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद उनसे एक पखवाड़े के भीतर इस समस्या के समाधान के लिए सुझाव मांगे हैं. दरअसल, देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई कानून या नियम नहीं हैं, क्योंकि यह एक नया माध्यम है. ओटीटी के नियमन की चर्चा बहुत समय से चल रही है. पर यह नियमन कौन करेगा इसे लेकर सहमति नहीं हो पाती.

सामग्रियों की स्वतंत्र तौर पर समीक्षा जैसे उपायों की भी बात उठी है. मगर इन मुद्दों पर ओटीटी प्रतिनिधियों के साथ सहमति नहीं बन पा रही है. इन्हीं वजहों से केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि यदि कोई बदलाव करने की जरूरत हुई तो उस पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने जहां दर्शकों को एक नये तरह की स्वतंत्रता दी है, वहीं इसने मनोरंजन जगत से जुड़े कलाकारों को भी एक नयी तरह की आजादी दी है.

ओटीटी पर कम खर्च में और बिना बड़े निर्माताओं पर निर्भर हुए कलाकार अपनी प्रतिभा को पेश कर सकते हैं. यहां दर्शकों को नये-नये विषयों पर भी बिल्कुल नये अंदाज में कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. मगर, कोई भी स्वतंत्रता अनियंत्रित नहीं हो सकती. इस माध्यम की पहुंच और प्रभाव को देखते हुए ओटीटी उद्योग और सरकार को मिल-जुलकर इस दिशा में कोई व्यवस्था तय करनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें