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बच्चों को वैक्सीन देने की शुरुआत

मास्क पहनना, दूरी बनाकर रखना, बार-बार हाथ धोते रहना, यह सिर्फ कोविड संक्रमण को ही रोकने के लिए नहीं है, बल्कि इससे हम अन्य बीमारियों और संक्रमण से भी बचे रहेंगे.

टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाते हुए 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. साथ ही, 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों को भी एहतियाती खुराक दी जा रही है. बारह से चौदह वर्ष की आयु के बच्चों को कॉरबेवैक्स वैक्सीन की दो खुराकें 28 दिनों के अंतराल पर दी जायेंगी. इस अभियान में देशभर में 4.7 करोड़ से अधिक बच्चों को कवर किया जायेगा. स्थानीय स्तर पर बच्चों के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार की तरफ राज्यों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.

वैक्सीन देने के मामले में हमारी स्थिति दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है. वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी टीकाकरण में शामिल करने का फैसला स्वागतयोग्य है. हालांकि, बच्चों को वैक्सीन दिलाने को लेकर कुछ लोगों में झिझक देखी जा रही है. वे बच्चों को टीका दिलाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं.

इस बारे में मेरा यही कहना है कि टीका स्वास्थ्य की बेहतरी और संक्रमण से बचाव के लिए दिया जा रहा है. इसके लिए हमें आगे आना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. अभी भी संक्रमण के कुछ मामले रिपोर्ट हो रहे हैं.

इस समय हांगकांग और चीन में तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है. हांगकांग में रोजाना के मामलों में रिकॉर्ड तेजी आयी है. वहीं चीन में कुछ हिस्सों में दोबारा बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाये जा रहे हैं. वहां भी रोजाना के कोविड-19 मामलों में तेज बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. लोगों को सुरक्षित करने के लिए हमें जल्द से जल्द पूरी आबादी को टीकाकरण के दायरे में लाना होगा.

इससे सामान्य जनजीवन बहाल होगा और लोग अपने कामकाज में दोबारा लौट पायेंगे. जितनी आबादी का टीकाकरण होगा, उतना ही संक्रमण से होनेवाली मौतों का खतरा कम होता जायेगा. संक्रमण से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं, उससे भी बचा जा सकेगा. लोग नौकरी पर नहीं जा पा रहे थे, बच्चों के स्कूल बंद थे. लोगों की दिनचर्या सामान्य हो, इसके लिए टीकाकरण आवश्यक है. अभी चीन में संक्रमण की चौथी लहर आ चुकी है. ऐसे हालात से बचने के लिए व्यापक टीकाकरण आवश्यक है. लोगों को स्वयं आगे आकर टीके की खुराक लेनी चाहिए.

गांव-देहात के इलाकों में जो स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां आसानी से लोगों को टीका उपलब्ध कराया जा रहा है. बच्चों के लिए स्कूल सबसे बेहतर माध्यम है. स्कूलों में हर क्लास टीचर बच्चों और उनके माता-पिता को टीके के लिए प्रेरित कर सकती हैं. टीका लगने के बाद बच्चे नियमित विद्यालय आ पायेंगे और उनकी पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा. इस तरह के प्रयासों से टीकाकरण में तेजी आ सकती हैं.

साथ ही, ग्राम पंचायत से लेकर अधिकारियों के स्तर तक जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जा सकता है. बारह से चौदह वर्ष आयु वर्ग के बच्चे स्कूल में होते हैं. इससे टीकाकरण के लिए स्कूल बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं. स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों को टीका दिया जा रहा है. अभी लगभग हर जगह टीका केंद्र बनाये गये हैं, अत: लोगों को इसके लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत भी नहीं है.

घर के पास में लगे कैंप में जाकर वैक्सीन ले सकते हैं. कुछ लोग अभी भी वैक्सीन नहीं लेना चाह रहे हैं. उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि उनके स्वास्थ्य के लिए वैक्सीन आवश्यक है. यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारे यहां अब कोविड खत्म हो गया. कोविड कभी भी वापस हो सकता है. कोई भी नया वैरिएंट हमें फिर से मुश्किलों में डाल सकता है, लिहाजा हमें सतर्क रहना है और वैक्सीन जैसे रक्षात्मक उपायों को अपनाना है.

आमतौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाई जाती हैं. इससे वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में आशंकाएं पनपती हैं. व्हॉट्सएप और फेसबुक की अफवाहों में कहा जाता है कि वैक्सीन लेने से फलां बीमारी हो जायेगी. लोग सरकार के आंकड़ों पर भी संदेह करने लगते हैं. इसका सबसे बेहतर उपाय यही है कि अगर आपको लगता है कि कोई इस तरह की संदेहास्पद जानकारी आपको भेज रहा है, तो उस पर बिल्कुल भी विश्वास न करें.

सरकारी आंकड़ों या विश्व स्वास्थ्य संगठन के डेटा को स्वयं जांचें. वहां पर जो जानकारी है, उसी के आधार पर निर्णय लें. व्हॉट्सएप वीडियो या किसी अन्य माध्यम से मिलनेवाली जानकारी विश्वास करने योग्य नहीं होती.

अभी कोविड संक्रमण के मामलों में काफी गिरावट आ चुकी है, तो लोगों को लगने लगा है कि संक्रमण अब खत्म हो चुका है. कुछ लोगों को लगता है कि अब हमें मास्क लगाने, लोगों से दूरी बनाकर रहने की जरूरत नहीं है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. एहतियाती उपायों को हमें अपनाने की जरूरत है.

अगर हम सावधानी बरतेंगे तो आगे संक्रमण की कोई और लहर नहीं आयेगी. जब तक हमारी पूरी आबादी को टीका नहीं मिल जाता, हमें सावधान रहने की जरूरत है. मास्क पहनना, दूरी बनाकर रखना, बार-बार हाथ धोते रहना, यह सिर्फ कोविड संक्रमण को ही रोकने के लिए नहीं है, बल्कि इससे हम अन्य बीमारियों और संक्रमण से भी बचे रहेंगे. इन उपायों को हमें एक सूत्र की तरह हमेशा ध्यान में रखना है. वैक्सीनेशन के साथ-साथ इन उपायों की उतनी ही जरूरत है.

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