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विश्व पुस्तक मेला

World Book Fair : पुस्तक मेले का मुख्य आकर्षण हॉल नंबर पांच में थीम पवेलियन है, जहां भारत के गणतांत्रिक आदर्शों को प्रदर्शित किया गया है. ऐसे ही, हॉल नंबर चार में स्थित इंटरनेशनल फोकस पवेलियन में रूस से आयी किताबें हैं, जिनके माध्यम से रूस की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया जा रहा है.

World Book Fair : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में शनिवार को विश्व पुस्तक मेले की शुरुआत हुई, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया. दुनिया भर के प्रकाशकों, लेखकों और पाठकों को जोड़ने वाले इस पुस्तक मेले में इस बार 50 से अधिक देशों की भागीदारी है और 2,000 से भी अधिक स्टॉल्स लगाये गये हैं. इस बार पुस्तक मेले की थीम ‘रिपब्लिक@75’ रखी गयी है, जो भारतीय गणराज्य के 75 साल पूरे होने के बारे में बताती है.

पुस्तक मेले का मुख्य आकर्षण हॉल नंबर पांच में थीम पवेलियन है, जहां भारत के गणतांत्रिक आदर्शों को प्रदर्शित किया गया है. ऐसे ही, हॉल नंबर चार में स्थित इंटरनेशनल फोकस पवेलियन में रूस से आयी किताबें हैं, जिनके माध्यम से रूस की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे ही, दो अलग-अलग हॉल में ‘ऑथर्स कॉर्नर’ और ‘लेखक मंच’ की व्यवस्था की गयी है, जहां लेखक-साहित्यकार अपने विचार साझा कर रहे हैं और विभिन्न साहित्यिक चर्चाओं का हिस्सा बन रहे हैं. हॉल नंबर छह में चिल्ड्रेन पवेलियन है, जहां कहानियों और कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों और किशोर पाठकों को पुस्तकों से जोड़ने का काम किया जा रहा है.

चूंकि मौजूदा डिजिटल दौर में किताबों से सबसे ज्यादा उदासीन बच्चे और किशोर ही हैं, ऐसे में, विश्व पुस्तक मेले का यह अभियान सराहनीय है. यहां यह याद किया जा सकता है कि राजधानी दिल्ली में पहला विश्व पुस्तक मेला जनपथ रोड के विंडसर प्लेस में 18 मार्च से चार अप्रैल, 1972 को लगा था. तब से इसकी लोकप्रियता में दिनोंदिन वृद्धि ही हुई है. चूंकि विश्व पुस्तक मेला फरवरी की शुरुआत में लगता है, जब सर्दी उतार पर होती है, इसलिए भी इसका आकर्षण बढ़ जाता है. इस बार पुस्तक मेले के पहले ही दिन जिस तरह लोगों का हुजूम उमड़ा, वह बताता है कि डिजिटल होती दुनिया में भी पुस्तकों का आकर्षण बना हुआ है.

हालांकि इन्हीं दिनों कोलकाता में पुस्तक मेला लगा हुआ है, जो न केवल एशिया का सबसे बड़ा गैर व्यावसायिक पुस्तक मेला है, बल्कि दुनिया में सबसे अधिक दर्शकों वाला पुस्तक मेला भी है. पुस्तकों के प्रति जुनून के मामले में कोलकाता पुस्तक मेला भले ही आगे हो, लेकिन छपे हुए शब्दों के प्रति बढ़ती उदासीनता के इस दौर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहा विश्व पुस्तक मेला लेखकों-कलाकारों समेत युवतर पाठकों और बच्चों तक को जिस तरह अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, वह बड़ी बात है.

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