25.1 C
Ranchi
HomeSearch

chandil - search results

If you're not happy with the results, please do another search.

ग्रामीणों ने देवी-देवताओं से की अच्छी बारिश की प्रार्थना

खोड़ीपहाड़ी पहाड़ की पूजा एक ऐसा पर्व है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक बंधनों को भी मजबूत करता है. यह पूजा क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है. यहां वे अपने देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं.

गांव में बदलाव की बयार, नावा जुवान जूमिद अखड़ा ने पहली बार में ही 117 यूनिट रक्त संग्रह किया

एक समय था जब लोग रक्तदान से कतराते थे, उन्हें यह डर रहता था कि रक्तदान से कमजोरी आएगी या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन अब यह मिथक टूट चुका है. लोग समझ चुके हैं कि रक्तदान से न केवल किसी जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है, बल्कि इससे रक्तदाता के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

चांडिल बांधडीह निवासी ढाढू सिंह के समर्थन में आया दलमा बुरू सेंदरा दिसुआ समिति, कहा-बदले की भावना से वन कर्मियों ने किया है कार्रवाई

आसनबनी गांव के दलमा बुरू दिसुआ सेंदरा समिति की बैठक अध्यक्ष फकीर सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. बैठक में दलमा वन क्षेत्र के वन कर्मियों के द्वारा नीमडीह प्रखंड के चेलियामा पंचायत के बांधडीह निवासी ढाढू सिंह को जंगली सूअर शिकार करने के मामले में जेल भेजने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया.

आदिवासी युवाओं ने सिदो-कान्हू समेत अन्य महापुरुषों के बलिदान को याद करने के लिए निकाली मोटरसाइकिल रैली

हूल दिवस पर वीर सिदो-कान्हू समेत तमाम वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने व उनकी वीरता की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मोटरसाइकिल रैली निकाली.

युवाओं ने देश व समाज के निर्माण के लिए फूंका एक और हूल

भोगनाडीह में 30 जून 1855 को वीर सिदो-कान्हू के नेतृत्व में हजारों आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजाया था. इस ऐतिहासिक दिन को हूल क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है.

जनता को नहीं होगी कोई दिक्कत, रेलवे विभाग के तालमेल से विकास कार्य किया जायेगा: अनन्य मित्तल

पंचायत प्रतिनिधियों ने जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को रोकने के मामले पर उपायुक्त अनन्य मित्तल से बातचीत की. पंचायत प्रतिनिधियों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया.

कुड़मी बहुल क्षेत्र में गैर कुड़मी शिक्षक को ज्वाइन करने का होगा पूरजोर विरोध

कुड़मी बहुल क्षेत्रों के स्कूलों में गैर कुड़मी व वैसे शिक्षक जिनको कुड़माली भाषा की जानकारी नहीं है, उसे आदिवासी कुड़मी समाज स्कूल में ज्वाइन करने नहीं देगा. पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिला कुड़मी बहुल क्षेत्र है. इसलिए कुड़माली भाषा शिक्षकों की सभी स्कूलों में स्थायी नियुक्ति दिया जाये.

आदिवासियों को सरना कोड देना नहीं चाहती केंद्र की भाजपा सरकार : चंपाई सोरेन

घाटशिला पावड़ा में माझी परगना महाल के 14वें महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें कोल्हान समेत विभिन्न जिलों से स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख पहुंचे थे. महासम्मेलन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सूबे के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शिरकत किया.

पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था संताल समाज की नींव है: बैजू मुर्मू

महासम्मेलन मेें पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, रीति रिवाज, धर्म, संस्कृति, पूजा पद्धति, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, रोजगार, समाज में महिलाओं को समान भागीदारी व जिम्मेदारी तथा समाज में युवाओं का भागीदारी आदि बिंदुओं पर पर वक्ताओं ने अपनी बातों को रखा.

प्रो. इंदल पासवान को है पौधारोपण का जुनून, अब तक लगा चुके हैं 1 लाख से अधिक पौधे

प्रोफेसर इंदल पासवान को पौधारोपण का जुनून है. धरती को हरियाली बनाने की चाह में पौधारोपण को उसने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया है. वह अपनी टीम के साथ हर सप्ताह रविवार के दिन पौधारोपण करते हैं.

Most Popular

ऐप पर पढें