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देवघर : पुराना सदर अस्पताल में जल्द बनेगा 50 बेड का प्री-फैब्रिकेटेड फील्ड हॉस्पिटल

यह स्वीकृति स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के कोविड-19 महामारी संक्रमण के प्रभावी प्रबंधन के लिए इमरजेंसी आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज के रूप में स्वीकृति दी गयी है.

प्रभात खबर का असर: झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने आयुष निदेशक को जारी किया शोकॉज

राज्य आयुष समिति के अंतर्गत एसपीएम के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन निकाला गया था. आवेदन देने के लिए दो दिसंबर काे शाम पांच बजे तक का समय निर्धारित था.

देवघर : ब्रेन मलेरिया प्रभावित सारठ में 25 ग्रामीणों की हुई जांच, एक मिला गंभीर

देवघर के सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कि झिलुवा में गांव में लगातार निगरानी रखने को लेकर सारठ सीएचसी प्रभारी डॉ जियाउल हक एवं मलेरिया टीम को जिम्मेदारी दी गयी है. टीम के द्वारा लगातार गांव में चिकित्सा शिविर लगाकर लोगों की जांच, बचाव एवं नियंत्रण संबंधी कार्य किये जा रहे हैं.

गोड्डा : हरीदेवी रेफरल अस्पताल में स्वास्थय व्यवस्था बेहाल, पांच की जगह सिर्फ एक डॉक्टर कार्यरत

अस्पताल में पांच डॉक्टरों की जगह मात्र एक डॉक्टर कार्यरत हैं. ए-ग्रेड नर्स तो है, पर एएनएम की काफी कमी है. 22 के जगह मात्र 15 कार्यरत हैं. यहां सीटी स्कैन की कोई सुविधा व्यवस्था नहीं है.

Kanpur News: मुरारीलाल चेस्ट अस्पताल में 6 साल बाद शुरू होगा ICU की सुविधा, इन कारणों से था बंद

मुरारीलाल चेस्ट अस्पताल का छह साल से बंद पड़ा आईसीयू फिर से शुरू होने जा रहा है.ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने से बंद इस आईसीयू में पांच बेड की व्यवस्था होगी.

दुमका जिले में साल भर में बढ़ गयी एचआइवी मरीजों की संख्या, जानें पूरा मामला

एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंधो, रक्त के आदान-प्रदान तथा मां से शिशु में संक्रमण द्वारा होता है. एचआईवी का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. हालांकि दवाइयों से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.

दुमका : पीजेएमसीएच की मोर्चरी में केवल एक शव रखने की ही व्यवस्था, फ्रीजर के बाहर रखने से आती है दुर्गंध

फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव को रखने के लिए दो फ्रीजर लगाये गए हैं. इसमें भी एक फ्रीजर दो महीने से खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में फ्रीजर से बाहर शवों को रखने की मजबूरी हो जाती है. शव से दुर्गंध आने लगता है. तब तो पूरा इलाका और उसे रोड से गुजरनेवालों का जीना मुश्किल हो जाता है.

गोड्डा : पैसे की लालच में महागामा के प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टरों ने रेफरल अस्पताल में तैनात किये बिचौलिये

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल महागामा में नवसृजित व स्थाई चिकित्सक मिलाकर कुल 11 पद स्वीकृत हैं. वहीं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तीन आयुष चिकित्सक की तैनाती की गयी है. चिकित्सक की कमी के कारण अस्पताल में ओपीडी व इमरजेंसी सेवा को चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दुमका में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल, मात्र 50 डॉक्टरों के भरोसे उपराजधानी का मेडिकल कॉलेज

डॉक्टरों की कमी की वजह से स्वास्थ्य सुविधायें बदहाल सी हैं. फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल (सदर अस्पताल) से रोजाना कई मरीज धनबाद या दूसरे शहरों के मेडिकल काॅलेज या प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर हो रहे हैं. डॉक्टरों की कमी से अस्पताल के कई विंग ढंग से काम नहीं कर पा रहे.

दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग में डॉक्टरों की कमी, बच्चों को हो रही है परेशानी

दो चिकित्सक के भरोसे पीजेएमसीएच का शिशु रोग विभाग चलाया जा रहा है. शिशु रोग विभाग में चिकित्सकों की कमी के मरीज व उसने परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

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