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झारखंड : पाकुड़ में कचरा जमा होने से इलाके में फैल रहा दुर्गंध, ग्रामीणों को सता रहा बीमारियों का डर

पाकुड़ शहर में कचरों के निष्पादन नहीं होने से लोग परेशान हैं. इलाकों में दुर्गंध फैलने से ग्रामीणों को बीमारियों का डर सता रहा है. 2017 में कचरा निष्पादन प्लांट लगाया गया, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं होने का खामियाजा क्षेत्र के लोग उठाने को मजबूर हैं. हर कोई अपनी डफली अपनी राग अलाप रहे हैं.

पाकुड़, राघव मिश्रा : पाकुड़ शहर से निकलने वाले कचरे के निष्पादन को लेकर चापाडांगा में कचरा निष्पादन प्लांट लगाया जा रहा है. 10 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्लांट को साल 2017 में काम शुरू कर दिया गया और 2019 में कचरा प्लांट में कचरा निष्पादन का कार्य शुरू कर दिया जाना था. लेकिन, संवेदक आकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा समय पर कार्य पूरा नहीं होने का कारण अब तक प्लांट शुरू नहीं हो पाया है. मिली जानकारी के अनुसार, विभाग ने अगस्त 2023 में प्लांट का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.

कार्य में क्यों हुई देरी

कार्य में हो रही देरी को लेकर आकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट के अधिकारी नीरज झा बताते हैं कि वर्ष 2017 के अंत में कार्य की रूपरेखा तैयार की गयी. साल 2018 में जमीन मिला. फिर ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. इसके बाद कोरोना महामारी फैलने से कार्य में रुकावट आ गयी. कोराना के बाद से कार्य तेज गति से चल रहा है. प्लांट के संचालन के लिए सीटीओ के लिए आवेदन दिया गया है. सीटीओ मिलने के बाद कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.

कैसे होना है कचरे का निष्पादन

कचरा प्लांट में कचरे के निष्पादन को लेकर ट्रामल, कनवेयर जैसी कई मशीनें लगायी गयी हैं. शहर से एकत्रित किये गये कचरे को प्लांट में तय जगह पर डाला जाएगा. वहां पर कचरे को अलग-अलग किया जाएगा. इसके बाद ट्रामल में डाल दिया जाएगा. इससे निकलने वाले मटेरियल को सड़ने के लिए डंप किया जाएगा. 33 दिन तक इसे सुखाने के बाद ट्रामल पर स्क्रीनिंग कर कंपोस्ट तैयार किया जाएगा.

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रोजाना 18 से 20 टन कचरा होता है जमा

शहर में रोजाना सुबह और शाम को कचरा उठाया जाता है. कचरा उठाने के लिए नगर परिषद ने कंपनी को 19 गाड़ियां सौंपी है. इन कचरों को चापाडांगा स्थित प्लांंट में डंप किया जाता है. रोजाना करीब 18 से 20 टन कचरा एकत्रित किया जाता है. शहर को स्वच्छ रखने के लिए आकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को हर महीने 6 से 7 लाख रुपये का भुगतान नगर परिषद की ओर से किया जाता है.

कचरा से बढ़ी परेशानी

शहर से एकत्रित किये गये कचरे का निष्पादन नहीं होने से इलाके में दुर्गंध फैलता जा रहा है. आसपास के इलाके के लोग दुर्गंध से परेशान होने लगे हैं. साथ ही इलाके में मक्खी और मच्छरों के साथ कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ गया है. बरसात के मौसम में यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मक्खियों और मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि दिन में भी मच्छरदानी का इस्तेमाल करना पड़ता है. दुर्गंध फैलने से बीमारी भी बढ़ती जा रही है. प्लांट की ओर से कभी-कभार छिड़काव किया जाता है. यह छिड़काव लगातार नहीं किया जाता है.

वर्षों से गेट पर पड़ा है कूड़ा

कचरा प्रबंधन प्लांट के प्रवेश द्वार के सामने वर्षों से कूड़ा पड़ा है. उसे उठाने वाला कोई नहीं है. बाहर में इस तरह कूड़ा पड़ा रहने के कारण लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि उससे ठीक 100 मीटर की दूरी पर नाश्ते की कई दुकानें हैं. सुबह-शाम आसपास के लोग वहां जाकर नाश्ता करते हैं. इस तरह बाहर कूड़ा रहने से लोगों को बीमारियों का डर भी सता रहा है.

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19 गाड़ियों में से 9 गाड़ियां सड़ने की स्थिति में

शहर में कचरा उठाने के लिए नगर परिषद ने 19 गाड़ियों की खरीदारी की थी. सभी गाड़ियों से कचरा का उठाव किया जाता रहा है. लेकिन इनमें से 9 गाड़ियां इस्तेमाल करने लायक नहीं रह गयी है. अब सिर्फ 10 गाड़ियों से ही कचरे का उठाव किया जाता है. बताया गया कि 19 गाड़ियां सरकार की ओर से दी गयी थी. इनमें 9 गाड़ियां खराब पड़ी हुई हैं. 10 गाड़ियों से कूड़ा उठाने का काम किया जाता है, जिससे कचरा उठाव में परेशानी होती है.

तकनीकी समस्या के कारण कार्य समय पर पूरा नहीं हो रहा : नगर परिषद पदाधिकारी

इस संबंध में नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार यादव ने कहा कि कचरा निष्पादन का कार्य समय से होना था. कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण समय से पूर्ण नहीं हो पाया है. यह बात सही है कि ग्रामीणों को समस्याएं होती होंगी. समस्याओं से निपटने के लिए कार्य कर रहे संवेदक को आसपास के इलाकों में मेडिसीनयुक्त छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. कार्य प्रगति पर है. बहुत जल्दी से पूर्ण कर लिया जाएगा.

ग्रामीण इलाकों में मेडिसीन युक्त दवाइयों का हो रहा छिड़काव : कंपनी स्टेट हेड

वहीं, आकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के स्टेट हेड नीरज झा ने कहा कि कचरे के निष्पादन नहीं होने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. निष्पादन के लिए टेंडर हुआ है. विभाग से गाइडलाइन प्राप्त हुआ है कि अगस्त महीने तक इसे पूर्ण कर लेना है. इसे जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा. ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसको लेकर मेडिसीन युक्त दवाइयों का छिड़काव ग्रामीण इलाकों में किया जा रहा है.

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