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झारखंड : पलामू में दहेज हत्या के दो अलग-अलग मामले में दो दोषियों को 10-10 साल की मिली सजा, पढ़ें पूरी खबर

पलामू जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दहेज हत्या से जुड़ी दो अलग-अलग मामले में दाे पति को 10-10 साल की सजा सुनायी है. एक मामले में बारालोटा के गुड़ियाही निवासी रामजीत राम को सजा सुनायी गयी, वहीं पाटन के करर खुर्द निवासी राकेश कुमार को भी कोर्ट ने सजा सुनायी है.

मेदिनीनगर, प्रकाश रंजन : जिला एवं सत्र न्यायाधीश-पंचम अभिमन्यु कुमार की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में दोषी पति बारालोटा के गुड़ियाही निवासी रामजीत राम 10 साल की सजा सुनाई. मामले की प्राथमिकी चैनपुर के शाहपुर निवासी तुलसी कुमार रवि द्वारा 25 मार्च, 2021 को चैनपुर थाना में दर्ज कराई गई थी. वहीं, पाटन के करर खुर्द निवासी राकेश कुमार को पत्नी की हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई है.

रामजीत राम को 10 साल की सजा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश-पंचम अभिमन्यु कुमार की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में रामजीत राम को 10 साल की सजा सुनायी. रामजीत की शादी लक्ष्मी देवी से तीन मार्च, 2017 को हुई थी. मृतक की बहन ने आरोप लगाया कि उसकी बहन को दहेज का उलाहना और शारीरिक प्रताड़ना लगातार दी जा रही थी. 25 मार्च, 2021 की सुबह करीब तीन बजे सूचक को यह सूचना मिली कि उसकी बहन बीमार है. आरोप है कि वहां जाने पर उसने अपनी बहन की लाश को ससुराल के आंगन में पड़ा पाया. प्राथमिकी में कहा गया था कि उसकी बहन का गला उसने दबाया हुआ पाया. इसी आधार पर उसने अपनी बहन के पति तथा अन्य आरोपियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. दर्ज प्राथमिकी गवाहों की गवाही, पुलिस अनुसंधान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने आरोपी पति को दोषी पाते हुए 10 साल कारावास की सजा सुनाई है.

दहेत हत्या के एक अन्य मामले में राकेश को मिली 10 साल की सजा

दूसरी ओर, पाटन थाना क्षेत्र के करर खुर्द निवासी राकेश कुमार को देहज हत्या के आरोप में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. पाटन के काला पहाड़ गांव निवासी बदेश साव ने 20 जून, 2021 को नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि उसकी पुत्री पूजा कुमारी की शादी लव मैरिज हुई थी. जिसका पूर्व में ही विवाद का निपटारा थाना के माध्यम से कराया गया था और सूचक की पुत्री को ससुराल वाले ले जाने को राजी हो गए थे.

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दहेज में नकद राशि और बाइक की मांग की गयी थी

सूचक का आरोप था कि शादी के एक साल के बाद ससुराल वाले दहेज में नकद राशि और बाइक की मांग कर रहे थे. इसी विवाद के निपटारे के लिए दोनों पक्षकारों को महिला थाना बुलाया गया था. जहां लड़की के ससुराल वाले उपस्थित नहीं थे. इसी शक के आधार पर सूचक ने जांच पड़ताल किया, तो यह जानकारी मिली कि उसकी बहन के साथ कोई अनहोनी हुई है. सूचना के आधार पर जब उसके ससुराल गया, तो पाया कि उसकी पुत्री को आरोपियों द्वारा गला दबाकर फांसी पर लटका दिया गया है, ताकि आरोप से बच सके. इसी सूचना के आधार पर सूचक द्वारा आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई. न्यायालय में दर्ज प्राथमिकी, पुलिस अनुसंधान, गवाहों की गवाही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आरोपी पति को दोषी पाते हुए 10 साल कारावास की सजा सुनाई है.

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