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पलामू में मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल की अव्यवस्था देख भड़के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह, कार्रवाई का निर्देश

झारखंड के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने गुरुवार को पलामू जिले के मेदिनीनगर के पोखराहा खुर्द स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज व शहर में स्थित मेदिनीराय मेडिकल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि जब मेडिकल कॉलेज में ही इतनी गंदगी है तो अन्य अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों की क्या स्थिति होगी.

मेदिनीनगर : झारखंड के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने गुरुवार को पलामू जिले के मेदिनीनगर के पोखराहा खुर्द स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज व शहर में स्थित मेदिनीराय मेडिकल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. जब अपर मुख्य सचिव मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उस समय प्रशासनिक कार्यालय में तालाबंद था. करीब 10 मिनट के बाद ताला खुला, तब भवन में गंदगी देख वे भड़क गये. उन्होंने कहा कि जब मेडिकल कॉलेज में ही इतनी गंदगी है तो अन्य अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों की क्या स्थिति होगी. उन्हें बताया गया कि सफाई की जिम्मेवारी आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे है. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग अपने आप में बड़ा घोटाला है.

कंपनी के भुगतान पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आउटसोर्सिंग के बहाने कम कर्मी को लगाकर सरकार से अधिक कर्मियों के नाम पर राशि ली जाती है. उन्होंने कहा कि इसी तरह का मामला रांची के रिनपास में भी उजागर हुआ था. वहां निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 15 कर्मचारी काम कर रहे थे जबकि 100 कर्मियों की हाजिरी बनी थी. मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण करा रही सापूरजी कंपनी के कामकाज से अपर मुख्य सचिव नाराज दिखे. उन्होंने भवन निर्माण निगम के मुख्य अभियंता संजय सिंह को निर्देश दिया कि कंपनी के भुगतान पर तत्काल रोक लगाये क्योंकि इस कंपनी के द्वारा घटिया काम कराया जा रहा है. भवन में जो दरवाजा लगाया गया है, वह घटिया किस्म का है. टेबल टूटा हुआ है. इसी तरह अन्य सामान भी सही तरीके से नहीं लगाया गया है. भवन की दीवार सीपेज होने से खराब हो रही है.

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कंपनी के खिलाफ होगी कार्रवाई

अपर मुख्य सचिव ने यह जानना चाहा कि मेडिकल कॉलेज के भवन की स्थिति खराब क्यों हो रही है. इसका मतलब साफ है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. इस मामले में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई होगी. कॉलेज के प्राचार्य से भी काफी नाराज दिखे. पूछे जाने पर प्राचार्य के द्वारा सही जानकारी नहीं दी जा रही थी. उन्होंने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर भी सवाल उठाया.

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50 प्रतिशत वेतन काटने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव श्री सिंह ने अस्पताल प्रबंधक सुनीत कुमार से व्यवस्था संबंधित रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन उनके द्वारा रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी. इस मामले को अपर मुख्य सचिव ने गंभीरता से लिया और कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके साथ ही वेतन मद की 50 प्रतिशत राशि काटने का निर्देश दिया. अस्पताल निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव मेडाल कंपनी के लैब में पहुंचे. कंप्यूटर ऑपरेटर से यह जानकारी हासिल करने का प्रयास किया कि 18 अक्टूबर को कितने लोगों की जांच हुई है, लेकिन ऑपरेटर उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाया. इसके बाद उन्होंने गुरुवार को कितने लोगों की जांच हुई उसकी संख्या और नंबर मांगा. ऑपरेटर ने चार लोगों का मोबाइल नंबर दिया. जब इस नंबर पर कॉल किया गया तो फर्जी पाया गया. इस तरह उन्होंने मेडॉल के कामकाज पर भी सवाल उठाया है.

निरीक्षण के दौरान ये थे शामिल

निरीक्षण के क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी, नगर आयुक्त समीरा एस, डीडीसी मेघा भारद्वाज, प्रशिक्षु आईएएस, गढ़वा के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरडी नागेश, अधीक्षक डॉ डीके सिंह, भवन निर्माण के चीफ इंजीनियर, हजारीबाग के प्राचार्य डॉ एस के सिंह भवन निर्माण निगम के मुख्य अभियंता संजय सिंह, पलामू सिविल सर्जन डॉ विजय सिंह सहित कई लोग शामिल थे.

रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह, मेदिनीनगर, पलामू

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