झारखंड पलामू , सैकत चटर्जी : पलामू जिले के पांकी बाजार में महाशिवरात्रि पर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. इस दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई. बीच-बचाव करने गए कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं. इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हालात पर काबू पाने के लिए 100 से अधिक जवान तैनात हैं. तरहसी, पिपराटांड़, लेस्लीगंज समेत कई थाना की पुलिस पांकी पहुंची. जिले के एसपी समेत वरीय अधिकारी पांकी रवाना हो गए हैं.
पलामू जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंच गए है. जिले के उपायुक्त ए दोड्डे भी मौके पर पहुंच गए हैं. जिले के डीएसपी, अपर समाहर्ता रेंक के कई अधिकारी तथा मेडिकल टीम भी पांकी पहुंची हुई है. तीन से चार थानों की पुलिस मौके पर तैनात की गई है.
एसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि महाशिवरात्रि को लेकर एक पक्ष की ओर से मस्जिद के पास तोरण द्वार बनाया जा रहा था. दूसरे पक्ष के लोगों के द्वारा तोरण द्वार बनाने के लिए मना किया गया. उसी को लेकर विवाद बढ़ा और पत्थरबाजी हुई. फिलहाल मामला शांत है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने यह भी कहा की तोरण द्वार बनाने को लेकर किसी भी तरह का आवेदन थाना को नहीं दिया गया था.
दो समुदायों के बीच बुधवार की सुबह संघर्ष होने के बाद निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दिया गया है. यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी है. घटनास्थल व आसपास के इलाके पर भी पुलिस पैनी नजर रखी हुई है. किसी भी घटना से निपटने के लिए पुलिस तैयार है. घटनास्थल व उसके आसपास के इलाके में दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किए गए है.
जानकारी के अनुसार इस झड़प में आधे दर्जन लोग घायल हुए हैं. घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सदर हस्पताल लाया गया है. पथरबाजी में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है, पर पुलिस के द्वारा इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की गई है.
पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा ने बताया कि तोरण द्वार में हुई तोड़- फोड़ के बाद शुरू हुई, जो बाद में झड़प में तब्दील हो गया, फिर लाठी और पत्थरबाजी की गई. उन्होंने बताया कि तोरण द्वार शिवरात्रि पूजा को ध्यान में रखते हुए एक समुदाय विशेष के श्रद्धालुओं द्वारा लगाया गया था.
पत्थरबाजी, तोड़फोड़, आगजनी के घटना के सिलसिले में दोनों समुदायों के कुछ एक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार इनमे से कुछ घटना में शामिल है. जबकि कुछ को पूछताछ के लिए पकड़ा गया है. पुलिस फिलहाल यह नहीं बताई है कि किस धारा के अंतर्गत इन्हें पकड़ा गया और इनपर क्या कार्रवाई होगी.
घटना के बाद पांकी – मेदिनीनगर मार्ग पर आवागमन बंद हो गया है. इससे सड़क पर जाम की स्थिति बन गई है. पांकी में घटनास्थल के साथ-साथ आसपास के इलाके को दुकानों को भी एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है. लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे है. इलाके में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है.
पांकी के इस इलाके में पहले भी कई बार अप्रिय घटना घट चुकी है. धार्मिक मामलों को लेकर यह इलाका हमेशा संवेदनशील रहती है. ऐसे में कैसे बिना पुलिस के जानकारी में यहां तोरणद्वार बन रहा था यह प्रश्न हवा में तैरता है. सवाल यह भी है की जब झगड़ा शुरू हुआ तो पुलिस ने तत्काल क्यों नहीं हस्तक्षेप किया. मामला चाहे जो भी हो फिलहाल पुलिस पूरे इलाके में पैनी नजर रखी हुई है.
पलामू के उपायुक्त ए दोड्डे ने लोगों से अपील किया है कि वे किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. उन्होंने कहा कि पांकी में जो भी हुई है उसपर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है. स्थिति पर प्रशासन पूरी तरह से कंट्रोल कर चुकी है. उन्होंने कहा की पुलिस और प्रशासन को अपना काम करने दें, और इनपर भरोसा रखे.
स्थिति पर नियंत्रण के लिए सोशल मीडिया पर भी पुलिस नजर रखी हुई है. भड़काऊ पोस्ट करने से बचने को सलाह दी गई है. गलत जानकारी साझा करने से भी मना किया गया है. इसके लिए पुलिस आईटी सेल के पदाधिकारी व जवान लगातार सोसल मीडिया पर नजर रख रहे है.