मेदिनीनगर : लॉकडाउन के दौरान गरीब और फंसे हुए लोगों का सहारा बन रहे हैं दाल-भात केंद्र. झारखंड सरकार के आदेश पर पलामू जिला में 28 नये दाल भात केंद्र खोले गये हैं. इसके साथ ही पूरे जिले में अब तक 71 दाल-भात केंद्र खुल चुके हैं, जहां लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिले के उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने सभी पुलिस थाना के प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे थाना स्तर पर विशेष दाल-भात केंद्र का संचालन सुनिश्चित करें. इसके तहत सभी थाना प्रभारियों को अपने थाना में प्रतिदिन 200 लोगों के भोजन की व्यवस्था करना है.
इन केंद्रों में जिले के गरीब एवं असहाय व्यक्तियों को भोजन कराया जायेगा. उपायुक्त डॉ अग्रहरि ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान जिले के किसी भी थाना क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, इसे ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूर्व से चयनित आपूर्तिकर्ता को 200 लाभुकों की दर से प्रति थाना को सामग्री उपलब्ध करा दी गयी है. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी शहर एवं अन्य प्रखंडों में गरीबों एवं दिहाड़ी मजदूरों के लिए दाल भात केंद्र के जरिये उनके खाने की व्यवस्था की गयी है.
उपायुक्त ने बताया कि थाना स्तर पर 28 दाल-भात केंद्र खुलने से जिले भर में दाल-भात केंद्रों की संख्या 71 हो गयी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान का पलामू का एक भी नागरिक भूखा न रहे, जिला शासन-प्रशासन का यह संकल्प है. उन्होंने बताया कि होम डिलीवरी के माध्यम से घरों तक दूध एवं अन्य खाद्य सामग्रियां पहुंचायी जा रही हैं.
डीसी ने सभी थाना प्रभारियों से कहा कि थाने में भोजन कराने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का हर हाल में पालन किया जाये. डीसी ने सभी लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में ही रहें. जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो, घर से न निकलें. इससे उनकी और दूसरे लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.
कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए गांव के लोग जागरूक होने लगे हैं. इसी क्रम में मेदिनीनगर सदर थाना क्षेत्र के लीलवाकरम के ग्रामीणों ने गुरुवार (2 अप्रैल, 2020) को गांव में चेकपोस्ट बना दिया, ताकि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर सके. ग्रामीणों का कहना है की कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है. यदि हम सिर्फ पुलिस के डर से लॉकडाउन का पालन करेंगे, तो इससे काम नहीं चलने वाला.