18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

1927 में पलामू आए थे डॉ राजेंद्र प्रसाद, मारवाड़ी पुस्तकालय में संजो कर रखी गयी हैं इनसे जुड़ी यादें

11 जनवरी 1927 दिन मंगलवार को उस समय मारवाड़ी पुस्तकालय के अध्यक्ष रामनिरंजन प्रसाद तुलस्यान के आग्रह पर महात्मा गांधी और डॉ राजेंद्र प्रसाद कनीराम चौक स्थित मारवाड़ी पुस्तकालय पहुंचे थे. दोनों नेताओं को देखने के लिए उस छोटे से परिसर में भी काफी भीड़ उमड़ी थी.

Rajendra Prasad Jayanti 2022: 10 जनवरी 1927. दिन सोमवार. देश रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद पलामू के मेदिनीनगर (तत्कालीन डाल्टनगंज) आए थे. वे महात्मा गांधी के साथ आए थे. गांधी जी सागरमल सर्राफ जी के यहां रुके थे तो डॉ राजेंद्र प्रसाद जेलहाता मोहल्ले में स्वतंत्रता सेनानी यदुवंश सहाय यानी यदु बाबू के घर पर रुके थे. उनकी सभा भी हुई थी और शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ देश की तत्कालीन स्थिति को लेकर विमर्श भी हुआ था. उनके साथ उस समय देश के स्वतंत्रता संग्राम के और कई हस्तियां पलामू पहुंची थीं.

गांधी जी के साथ पहुंचे थे मारवाड़ी पुस्तकालय

11 जनवरी 1927 दिन मंगलवार को उस समय मारवाड़ी पुस्तकालय के अध्यक्ष रामनिरंजन प्रसाद तुलस्यान के आग्रह पर महात्मा गांधी और डॉ राजेंद्र प्रसाद कनीराम चौक स्थित मारवाड़ी पुस्तकालय पहुंचे थे. दोनों नेताओं को देखने के लिए उस छोटे से परिसर में भी काफी भीड़ उमड़ी थी. गांधी जी ने अपने संबोधन में लोगों से आजादी की लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया था.

Also Read: स्मृति शेष : झारखंड के पूर्व मंत्री समरेश सिंह के वो सपने जो रह गए अधूरे

पुस्तकालय में संजो कर रखे गए हैं डॉ राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर

मारवाड़ी पुस्तकालय को देखकर डॉ राजेंद्र प्रसाद काफी प्रसन्न हुए थे और पुस्तकालय आगंतुक पंजी में अपना अनुभव लिखा था. उनके हस्ताक्षर किए हुए इस पन्ने को आज भी मारवाड़ी पुस्तकालय में देखा जा सकता है. उन्होंने लिखा था कि पूज्य महात्मा गांधी जी के साथ मैंने भी पुस्तकालय को देखा और देखकर बहुत ही आनन्द पाया. इस प्रकार के पुस्तकालयों से जनता को बहुत लाभ पहुंचता है और मेरी आशा है कि संचालक इसे स्थायी बनावेंगे और इसकी प्रतिदिन उन्नति होती जायगी. इतना लिखकर उन्होंने हस्ताक्षर करते हुए ता. 11 जनवरी 1927, मंगलवार’ लिखा था.

यदु बाबू के घर जमीन पर सोए थे राजेंद्र बाबू

जिस समय राजेंद्र बाबू ने यदु बाबू के घर में रात्रिवास किया था, उस समय उनके घर पर पलंग नहीं था. राजेंद्र बाबू ने बड़ी ही सहजता से जमीन पर लगे बिछावन पर ही सो गए थे. परिवार के सभी सदस्यों से उन्होंने बड़े ही आत्मीय ढंग से बातचीत की थी. जिस कमरे में राजेंद्र बाबू ठहरे थे, उस कमरे में फिलहाल यदु बाबू के पुत्र वृजनंदन सहाय ऊर्फ मोहन बाबू रहते हैं.

शहर ने किया देश के प्रथम राष्ट्रपति को याद

मेदिनीनगर शहर में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 138वीं जयंती मनाई गई. देश रत्न डा. राजेंद्र प्रसाद सेवा संस्थान के द्वारा छह मुहान चौक पर देश के प्रथम राष्ट्रपति की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. कायस्थ महासभा व अन्य कई सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के द्वारा भी माल्यार्पण किया गया.

रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें