Jharkhand news: पलामू में 148 खाद-बीज दुकानदारों के लाइसेंस रिन्युअल जिला कृषि पदाधिकारी के फर्जी सिग्नेचर से होने का मामला प्रकाश में आया है. शुक्रवार को जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार के बयान के आधार पर इस मामले में शामिल कार्यालय के लिपिक सचिन कुमार सिंह, प्रदीप प्रसाद के साथ इस कार्य में दोनों लिपिक के सहयोगी की भूमिका निभा रहे राहुल कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
बताया गया कि फरजीवाड़ा का यह खेल पिछले डेढ़ वर्षों से चल रहा था. विभाग द्वारा ई-चलान जारी किया गया था जो फर्जी था. फर्जी चलान के जरिए विभाग में करीब तीन लाख रुपये से अधिक का घोेटाला हुआ है. जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिल रही थी कि पदाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस का नवीकरण किया जा रहा है. जब मामले की छानबीन शुरू की गयी, तो सबसे पहले इस मामले में लिपिक के सहयोगी राहुल कुमार का नाम सामने आया. जब राहुल से पूछताछ की गयी, तो उसने बताया कि इसमें कार्यालय के लिपिक सचिन और प्रदीप भी शामिल है. इन्हीं लोगों के द्वारा फर्जी चलान जारी किया जाता है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है.
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इस संबंध में शहर थाना प्रभारी अरुण कुमार माहथा ने बताया कि इस फर्जीवाड़े के खेल में सिर्फ तीन या उससे अधिक लोग जुड़े हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है. फिलहाल लाखों का फर्जीवाड़ा सामने आया है, लेकिन जांच से साफ होगा कि इस फर्जीवाड़े की राशि कितनी अधिक है. पुलिस मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि वो भी अपने स्तर से इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस मामले में जो भी शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जायेगा.
रिपोर्ट : अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर.