29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का भाई अरुण सिन्हा छत्तीसगढ़ से कैसे हुआ अरेस्ट? गैंग व पैसे के निवेश को लेकर उगले राज

नेपाल से एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से शिवालया कंस्ट्रक्शन के मालिक को फिरौती के लिए सुजीत सिन्हा के नाम से धमकाया जाता था. मैसेज भी किया जाता था. रंगदारी की रकम न देने पर खून-खराबे की धमकी दी गई थी.

पलामू, सैकत चटर्जी. 27 जून 2023 को समय करीब 11:45 बजे पलामू के पिपरा थाना क्षेत्र के चपरवार में एनएच 98 मुख्य सड़क के निर्माणाधीन ओवरब्रिज के नीचे निर्माण कार्य कर रहे मजदूर और ठेकेदार को तीन अज्ञात अपराधियों द्वारा जान मारने की नीयत से गोली चलाई गई थी. गोली ठेकेदार के पैर में लगी थी. इस संबंध में पिपरा थाने में (कांड सं.-17/2023) दर्ज करायी गयी थी. इसी कांड की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस पहले दो अपराधी और शूटर को पकड़ा फिर अरुण सिन्हा तक जा पहुंची. अरुण सिन्हा के पास से एक एप्पल कम्पनी एवं एक सैमसंग गैलेक्सी एम 32 का मोबाइल बरामद किया गया है. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है.

सुजीत सिन्हा के नाम से धमकाया जाता था

नेपाल से एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से शिवालया कंस्ट्रक्शन के मालिक को फिरौती के लिए सुजीत सिन्हा के नाम से धमकाया जाता था. मैसेज भी किया जाता था. रंगदारी की रकम न देने पर खून-खराबे की धमकी दी गई थी.

Also Read: स्विट्जरलैंड फिल्म फेस्टिवल में दिखेंगी पलामू की हसीन वादियां, झारखंड के रंगकर्मी सैकत चटर्जी भी दिखेंगे

टीम बनाकर पुलिस ने किया काम, मिली सफलता

इस कांड का उद्भेदन करने के लिए पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी छत्तरपुर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. गठित टीम के द्वारा सुजीत सिन्हा के गिरोह के विभिन्न ठिकानों पर लगातार छापेमारी की गयी थी. गुप्तचर तैनात किए गए थे. एक के बाद मिलने वाली सूचनाओं को जोड़ते हुए पुलिस अरुण सिन्हा तक पहुंची.

Also Read: झारखंड: अवैध संबंध के शक में गला दबाकर पत्नी की हत्या, थाने में पति ने किया सरेंडर

आईपीएस ऋषभ गर्ग के नेतृत्व में टीम पहुंची रायपुर

छापेमारी के दौरान गुप्त सूचना के आधार पलामू पुलिस की टीम सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आईपीएस ऋषभ गर्ग के नेतृत्व में रायपुर पहुंची थी. रायपुर में अरूण कुमार सिन्हा (41 वर्ष) के ठिकानों पर छापेमारी की गयी. छापामारी के दौरान बसंत बिहार के गोंदुवारा तलाब के पास गेट नं.-02, गली नं0-8/1 से उसे गिरफ्तार किया गया.

Also Read: झारखंड: मिथिलेश कुमार सिंह को ईडी का समन, 10 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया

अरुण सिन्हा को लग गई थी पुलिस की भनक

पुलिस उसे किसी भी समय गिरप्तार कर सकती है. यह भनक अरुण सिन्हा को लग चुकी थी. वो अपने स्थाई ठिकानों पर नहीं रह रहा था. इन दिनों वो लोगों से मिलने-जुलने में भी काफी सावधानी बरतने लगा था. फिर भी पलामू पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से जाल बिछाया और अरुण सिन्हा को दबोच लिया.

पूछताछ के क्रम में उगले कई राज

पूछताछ के क्रम में अरुण सिन्हा ने सुजीत सिन्हा के बिहाफ में गिरोह का संचालन करने की बात स्वीकारी. सूत्रों के अनुसार अरुण सिन्हा ने पुलिस के पास ऐसे कई राज उगले हैं, जिसके आधार पर आगे की योजना बनाई जा रही है. समझा जा रहा है कि जल्द ही पलामू पुलिस को सुजीत सिन्हा गैंग के खिलाफ बड़ी सफलता मिलेगी.

अपराध के रास्ते आए पैसे जा रहे थे रियल एस्टेट में

सूत्रों के अनुसार सुजीत सिन्हा जेल में रहकर अपने भाई और सहयोगियों की मदद से आपराधिक गतिविधियों के जरिए जो पैसा इकट्ठा किया था, उसके ज्यादातर हिस्सा रियल एस्टेट में इन्वेस्ट कर रहा था. हालांकि पुलिस अभी स्पष्ट तौर पर इस पर राय जाहिर नहीं कर रही है. सूत्र बताते है कि अपराध की दुनिया के इन पैसों का इस्तेमाल झारखंड के कई बड़े शहरों में चल रहे रियल एस्टेट के धंधे में किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें