Jharkhand News: झारखंड के पलामू जिले के पाटन प्रखंड के सूठा गांव के मेराज अंसारी की दोनों आंखों की रोशनी चली गयी है. इलाज के लिए दो कट्ठा जमीन एक लाख रुपये में इन्होंने बेच दी है. फिर भी आंखों की रोशनी नहीं लौट पायी है. मेराज काफी गरीब परिवार से आते हैं. उनके तीन बच्चे हैं. भीख मांगकर वे परिवार की परवरिश कर रहे हैं. उन्हें बच्चों की चिंता सताती रहती है. उन्होंने मदद की गुहार लगायी है.
रांची में कराया इलाज, लेकिन नहीं लौटी रोशनी
मेराज अंसारी ने बताया कि इलाज के लिए रांची के कई डॉक्टरों के पास गया, जहां 11-11 हजार रुपये का इंजेक्शन लगाया गया, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद रांची के चिकित्सकों ने बाहर जाकर इलाज कराने की सलाह दी, लेकिन पैसे के अभाव में मेराज इलाज नहीं करा पा रहे हैं.
भीख मांगकर कर रहे गुजारा, कहां से करायें इलाज
मेराज अंसारी कहते हैं कि भीख मांगकर अपना और बच्चों की परवरिश करने पर मजबूर हैं. ऐसे में इलाज के लिए पैसे कहां से आयेंगे. एक कट्ठा जमीन बची है. इसमें घर बना है. वह भी जर्जर स्थिति में है. इस बरसात के मौसम में कभी भी घर ध्वस्त हो सकता है.
बच्चों की सता रही चिंता
मेराज का कहना है कि अब ऊपर वाले के भरोसे जिंदगी कट रही है. बच्चों की परवरिश कैसे होगी, इस बात की चिंता सताती रहती है. सरकारी सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. इन्हें किसी मसीहा का इंतजार है, जो आंखों की रोशनी लौटा दे. मेराज को पलामू के सांसद एवं विधायक समेत अन्य से भी सहयोग की उम्मीद है.
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रिपोर्ट : रामनरेश तिवारी, पाटन, पलामू