Jharkhand News: झारखंड की पलामू पुलिस ने कुणाल सिंह हत्याकांड में शामिल पलामू के कुख्यात अपराधी डब्ल्यू सिंह के छोटे भाई गौरव सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. सदर एसडीपीओ के विजय शंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह हत्याकांड में शामिल शूटर से लेकर हत्याकांड में शामिल सभी लोगों को पैसा देने के साथ-साथ जेल में बंद अपराधियों के परिवारों को भी गौरव सिंह व शक्ति सिंह के द्वारा पैसा दिया जाता है. पुलिस ने इसका खुलासा गौरव के पास से मिली डायरी के आधार पर किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहर थाना प्रभारी अरुण महथा मौजूद थे.
डायरी से खुला राज
एसडीपीओ श्री शंकर ने बताया कि अपराधी गौरव सिंह के पास से जो डायरी मिली है, उसमें गिरोह को कहां-कहां से आमदनी होती है और खर्च का भी ब्योरा लिखा हुआ है. डायरी मेंटेन गौरव सिंह के द्वारा ही किया जाता है. इसका पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही गौरव को शहर थाना क्षेत्र के कचरवा स्थित उसके आवास से गिरफ्तारी की गयी है. कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह की हत्या जून 2020 में सुदना में हुई थी, जब वह अपने घर से निकल कर कहीं जा रहा था. इसी दौरान अपराधियों ने सबसे पहले सफारी वाहन से उसके कार में टक्कर मारी, उसके बाद गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी.
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मर्डर पर 25 लाख रुपये खर्च
एसडीपीओ श्री शंकर ने बताया कि हत्याकांड में लगभग 25 लाख रुपये खर्च किया गया था. पैसे खर्च करने की सारी जिम्मेदारी गौरव सिंह व शक्ति सिंह की थी. मालूम हो कि शक्ति सिंह को भी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जिसे कुछ दिन पहले जमानत मिली है. कुणाल सिंह हत्याकांड का एक आरोपी श्वेतकेतु उर्फ चंगु की हत्या सासाराम में हो गयी है.
जेएसएमडीसी का कर्मी है गौरव सिंह
कुणाल सिंह हत्याकांड का आरोपी गौरव सिंह पूर्वी सिंहभूम में जेएसएमडीसी का कर्मी है. उसके पिता की मौत के बाद गौरव को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिली है. सदर एसडीपीओ श्री शंकर ने बताया की डब्ल्यू सिंह गिरोह से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. कुणाल की हत्या कराने में गिरोह ने जो बड़ी रकम खर्च की, उसके पीछे की वजह भी यही थी क्योंकि डब्ल्यू सिंह गिरोह को यह लग रहा था कहीं न कहीं कुणाल का बढ़ता वर्चस्व डब्लू गिरोह के लिए आगे चलकर खतरा बनेगा. इसलिए उसे मारने की योजना बनायी गयी थी.
रिपोर्ट: अजीत मिश्रा