Jharkhand News: झारखंड के पलामू जिले के नावाबाजार के निलंबित दारोगा लालजी यादव की मौत मामले में सीआईडी जांच शुरू हो गयी है. गुरुवार को दंडाधिकारी राकेश श्रीवास्तव की मौजूदगी में टीम के सदस्यों ने नावाबाजार थाना जाकर घटना स्थल का निरीक्षण किया और मौजूद पुलिसकर्मियों से पूछताछ की. इस दौरान पुलिसकर्मियों के बयान लिए गए. बताया गया कि सीआइडी के पुलिस उपाधीक्षक जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम पलामू पहुंची थी और इस मामले में पड़ताल की.
पलामू जिले के के नावाबाजार थाना परिसर स्थित आवास में सब इंस्पेक्टर लालजी यादव की मौत के मामले की जांच सीआईडी ने दूसरे दिन भी की. टीम के सदस्यों ने थाना में उपस्थित पुलिसकर्मियों का बयान लिया. पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह आत्महत्या कर लेंगे. वह परेशान भी नहीं थे. सुबह जब वह काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकले, तब नावाबाजार थाना प्रभारी के कहने पर एक पुलिसकर्मी उनके कमरे में गया, तो कमरा बंद था. अंदर झांकने पर देखा कि लालजी यादव का शव फंदे से लटक रहा था. इसके बाद वरीय पदाधिकारी को सूचना दी गयी. कमरा खोलने के बाद शव को नीचे उतारा गया. कमरे की तलाशी लेने के बाद पता चला कि उन्होंने रात में खाना भी नहीं खाया था.
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आपको बता दें कि झारखंड के पलामू जिले के नावाबाजार थाने में पूर्व थानेदार लालजी यादव ने खुदकुशी कर ली थी. इन्हें कुछ दिनों पहले सस्पेंड कर दिया गया था. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने डीटीओ अनवर हुसैन से दुर्व्यवहार करने के आरोप में लालजी यादव को निलंबित कर दिया था. बताया जा रहा है कि वे रांची से शाम को नावाबाजार थाना लौटे और सुसाइड कर लिया. अगले दिन सुबह सूचना मिलते ही विरोध में ग्रामीणों ने नावा बाजार थाना के पास मेदिनीनगर-औरंगाबाद मुख्य सड़क को जाम कर दिया था. इस दौरान पलामू एसपी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की जाने लगी. परिजनों ने इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. इधर, सीआईडी इस मामले की जांच में जुटी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra