Jharkhand News: पलामू के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में खास महाल जमीन के लीज नवीकरण का मामला गरमाया हुआ है. यह मामला तब तूल पकड़ा जब 25 अक्टूबर को पलामू के उपायुक्त ए डोड्डे की अध्यक्षता में हुई परामर्शदात्री समिति की बैठक में मेदिनीनगर निगम क्षेत्र में लीज नवीकरण की दर बढ़ाकर दोगना कर दी गयी. अब इसी मुद्दे पर निगम की मेयर अरुणा शंकर और नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन सुरेंद्र सिंह तथा पूनम सिंह आमने-सामने हैं. लीज नवीकरण की दर में वृद्धि को लेकर मेयर ने कहा कि उनकी सहमति के बगैर ही परामर्शदात्री समिति की बैठक में दर बढ़ा दी गयी है. वहीं पूर्व चेयरमैन और उनकी पुत्रवधू ने इस मामले को लेकर मेयर पर निशाना साधा.
मेरा परिवार हर हाल में दर वृद्धि को वापस लेकर रहेगा : सुरेंद्र सिंह
लीज नवीकरण प्रकरण को लेकर पूर्व चेयरमैन सुरेंद्र सिंह व पूनम सिंह, समाजसेवी जीवन सिंह ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके परिवार ने शहर को तीन-तीन चेयरमैन दिए हैं. इनमें उनके पिता स्वर्गीय नर्वदेश्वर सिंह, वे स्वयं और उनकी पुत्रवधू पूनम सिंह शामिल हैं. उनके कार्यकाल में भी लीज नवीकरण दर में वृद्धि की बात होती थी और उसका विरोध किया जाता था. इस कारण दर में अनुचित वृद्धि नहीं हुई, पर वर्तमान मेयर के कार्यकाल में गरीब जनता का ख्याल नहीं रखा गया और इसमें बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है. मेयर अब उपायुक्त को दोष दे रही हैं कि उन्होंने दर बढ़ा दिया है, जबकि मेयर भी परामर्शदात्री समिति की सदस्य हैं. ऐसे में उनका विरोध करने का क्या फायदा हुआ कि उनकी बात सुनी ही नहीं गई. श्री सिंह ने कहा कि मेयर झूठ बोलकर जनता को बरगला रही हैं. उन्होंने कहा कि उनका परिवार लीज नवीकरण दर में वृद्धि के खिलाफ आंदोलन करेगा और इसे हर हाल में वापस कराकर जनता को राहत पहुंचाया जायेगा.
फैसला नहीं बदला तो जनहित में हाईकोर्ट तक जाऊंगी : मेयर
इस मुद्दे को लेकर जब मेयर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये पब्लिक है. सब जानती है. उन्हें किसी को कुछ नहीं कहना. अगर 2014 से लेकर अब तक परामर्शदात्री समिति की बैठक में लीज नवीकरण का मामला नहीं सुलझाया गया तो वो किसके इशारे पर हुआ. ये जनता समझती है. इतने लंबे समय से गंभीर मसले को लटकाए रखने से खास भूमाफियाओं को ही फायदा हुआ है. अब गरीब जनता के लिए वे खुद इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने को तैयार हैं. मेयर ने कहा कि जिस तरह से लीज नवीकरण दर में वृद्धि की गई है, वो सरासर गलत है. इसका विरोध लिखित रूप में किया गया है. इसे वापस लेकर पुनर्विचार करने के लिए भी आग्रह किया गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो लीजधारकों के साथ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा.
जानिए क्या है मामला
पलामू के उपायुक्त की अध्यक्षता में आठ वर्ष के बाद खास महाल परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई. अधिकारियों ने नयी दर की अनुशंसा कर सरकार को भेज दिया है.
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शहर में लीज नवीकरण की दर ऐसे हुई तय
व्यावसायिक मुख्य मार्ग के एक डिसमिल जमीन के लीज नवीकरण के लिए 11 लाख 30 हजार 260 लगेगा, जबकि इसके पूर्व छह लाख 30 हजार प्रति डिसमिल दर तय थी. परामर्शदात्री समिति की बैठक के अनुसार आवासीय मुख्य मार्ग की एक डिसमिल जमीन के लिए पांच लाख 98 हजार 130 रुपये, आवासीय उप मार्ग की एक डिसमिल जमीन के लिए चार लाख 71 हजार 240 रुपये, व्यावसायिक मुख्य मार्ग की एक डिसमिल जमीन के लिए 11 लाख 30 हजार 260 रुपये, वहीं व्यावसायिक उप मार्ग की एक डिसमिल जमीन का नौ लाख 42 हजार 480 रुपये देना होगा.
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पूर्व में लीज नवीकरण की दर
परामर्शदात्री समीति की बैठक के पहले आवासीय मुख्य मार्ग की जमीन के लिए तीन लाख 19 हजार, आवासीय उप मार्ग के लिए दो लाख 66 हजार, व्यावसायिक मुख्य मार्ग के लिए छह लाख 38 हजार, व्यावसायिक उप मार्ग के लिए प्रति डिसमिल पांच लाख 32 हजार रुपये दर निर्धारित की गयी थी.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, मेदिनीनगर, पलामू