पलामू, सैकत चटर्जी : पलामू जिले की राजहरा स्टेशन के डाउन लाइन में मिले एक व्यक्ति के शव मामले में पुलिस ने अहम खुलासा किया है. हत्या को दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गयी, लेकिन पुलिस की सख्ती से मामला उजागर हो गया. इस मामले में छोटे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी छोटे भाई को गिरफ्तार कर लिया. घटना पलामू जिले की नावाबाजार थाना क्षेत्र की है. पुलिस उपाधीक्षक सुरजीत कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए आरोपी आशीष राम को गिरफ्तार करते हुए जेल भेजने की बात कही.
क्या था मामला
पुलिस को 17 मई को पलामू जिले की राजहरा स्टेशन के डाउन लाइन में सुबह करीब साढ़े सात बजे एक शव मिलने की सूचना मिली. घटनास्थल से पुलिस को रेल पटरी से एक व्यक्ति की शव मिली जो ट्रेन से दो टुकड़े में कटी हुई थी. प्रथम दृष्ट्या यह आत्महत्या या दुर्घटना का मामला लगा. उस समय तक शव की शिनाख्त नहीं हो पायी थी.
चौकीदार ने कराया मामला दर्ज
इधर, पुलिस को शव को कब्जे में लेते समय घटनास्थल के पास से एक खून से सना चाकू, एक बड़ा पत्थर और साड़ी के पल्लू की रस्सी को जब्त किया था. मृतक के गले में चाकू के निशान मिले थे. इससे संदेह के आधार पर पुलिस अनुसंधान में जुटी. शव का पोस्टमार्टम कराया गया और चौकीदार सुरेंद्र मांझी के लिखित बयान के आधार पर नावाबाजार थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया.
जब मृतक की मां ने फोटो देख किया पहचान
घटना में नया मोड़ तब आया जब तुकबेरा की फुलझरि देवी 19 मई को नावाबाजार थाना में एक आवेदन देकर अपने बेटे अजय राम की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने जब रेल पटरी से मिले शव की तस्वीर दिखायी, तो अपनाे बेटे अजय राम (31 वर्ष ) के तौर पर पहचाना.
पूछताछ के क्रम में आशीष ने स्वीकारा हत्या की बात
मृतक की पहचान होने के बाद पुलिस की अनुसंधान तेज हो गयी. मृतक के बारे में जानकारी जुटाई गई. उसके संगत में रहने वालों की गतिविधियों को भी नोट की गई. फिर जब पूछताछ की बारी आयी, तो शक के आधार पर मृतक अजय के छोटे भाई आशीष से पुलिस सख्ती से पूछताछ शुरू की. कुछ देर बाद ही आशीष का धैर्य जवाब दिया और उसने अपने बड़े भाई की हत्या की बात स्वीकार कर ली. पुलिस उसे घटनास्थल पर लेकर गई जहां उसने घटना को कैसे अंजाम दिया, पूरी विस्तार से बताया. उसने हत्या में इस्तेमाल किया हुआ चाकू, रस्सी और पत्थर की भी पहचान की.
आशीष ने किया सगे भाई की हत्या
आशीष ने अपने कुबूलनामा में कहा कि उसका बड़ा भाई अजय राम अत्यधिक शराब का सेवन करता था. नशे की हालत में अपनी पत्नी, माता-पिता और छोटे भाई के साथ मारपीट करना व गाली देना आम बात थी. काफी समझाने के बाद भी उसकी हरकत जारी थी. आशीष के मुताबिक, अगर वह घर में अपनी भाभी से कुछ बात करता, तो उसपर भी मारपीट करने को उतारू हो जाता और नाजायज संबध का आरोप लगाता. इसी से दुखी होकर उसने अपने भाई की हत्या करने को ठान ली.
घटना को ऐसे दिया अंजाम
बताया गया कि घटना के दिन आशीष ने पहले प्लान के तहत अपने घर से साड़ी का पल्लू फाड़कर रस्सी बनाया. चाकू साथ लिया और अजय को लेकर घर से निकलकर राजहरा रेल पटरी की तरफ आया. बात करते हुए उसने अजय को खूब शराब पिलाई. जब अजय होश खोने लगा, तो प्लानिंग के तहत आशीष उसके हाथ-बांध कर सर को पत्थर से कुचल दिया. फिर चाकू से गला रेतकर उसे पटरी पर सुला दिया. जब ट्रेन उधर से गुजरी, तो अजय का शव दो टुकड़े में कट गया. अपना प्लान सफल समझकर आशीष घर लौट गया, पर पुलिस से वह बच नही पाया.