सैकत चटर्जी, पलामू. तीन साल के लम्बे अंतराल के बाद बाघ विहीन पलामू टाइगर रिज़र्व में बाघ के दर्शन हुए है. पलामू टाइगर रिज़र्व के नार्थ डिवीज़न के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना ने खुद इस बाघ की तस्वीर खींची है. मोबाइल से खींची गयी इस तस्वीर में बाघ एक किशोर नर बाघ है, जिसकी पुष्टि पीटीआर के डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने भी की है. इस बाघ के होने की खबर पिछले कई दिनों से मिल रही थी, अब इसके दिख जाने से सारे अनुमानों पर विराम लग गया और इसकी सुरक्षा को लेकर प्रबंधन चुस्त हो गया है. बाघ की हर मूवमेंट पर खुद डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना और उनको कोर टीम नजर रखे हुए है.
रिकार्ड में 2018 में पीटीआर बाघ विहीन हो गया था
2018 के आधिकारिक बाघ गणना के बाद पीटीआर में बाघ नहीं होने की बात कही गयी थी, यद्यपि पीटीआर के पदाधिकारियों का मानना था कि यहां बाघ है पर क्षेत्र में अत्यधिक मानव दबाव के कारण वे कुछ समय के लिए इधर – उधर पलायन कर गए है. इसी मुद्दे को लेकर पीटीआर प्रबंधन के कार्यशैली पर भी सवाल उठे थे. बाघ यहां फिर लौटे इसके लिए पीटीआर के अंतर्गत आने वाले पांच गांव को विस्थापित करने की भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. पीटीआर प्रबंधन बाघ मुद्दे को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही थी, इसी बीच इस बाघ के होने की पुष्टि होने पर चारों तरफ खुशी है.
फरवरी 2020 में दिखा था अंतिम बाघ
पीटीआर के बेतला में अंतिम बार एक बाघ तब दिखा था जब फरवरी 2020 में बेतला में कथित तौर पर फरवरी 2020 में हमले से एक बाघ की मौत हो गयी थी. प्रबंधन के अनुसार वह बाघ बूढ़ा था और बायसन शिकार करने के दौरान उसके शक्तिशाली हमले को बर्दास्त नहीं कर पाया था. बाघ के सीने में चोट आयी थी और वो मर गया था. उस बाघ को वहीं दफना दिया गया था. हालांकि इस मामले में उस समय प्रबंधन उस समय लम्बे समय तक चुप्पी साध रखा था और मीडिया से भी दूरी बना ली थी, जिस वजह से उन पर कई आरोप भी लगे थे.
2021 में भी डायरेक्टर ने किया था बाघ होने का दावा
2021 में एक बार फिर पीटीआर चर्चे में आयी थी जब फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बाघ होने का दावा किया था. उनके मीडिया बयान के मुताबिक 2021 के नवंबर में बारेसाढ़ रेंज में बाघ दिखे जाने की बात कही गयी थी. यह भी कहा गया था कि क्षेत्र के रेंजर ने खुद बाघ देखा है, पर उसके बाद लगातार एक माह तक मॉनिटरिंग करने के बाद भी कोई पता नहीं चल पाया था. कभी कभार उसके बाल, मल, पंजो के निशान आदि मिलने की बात कही जाती रही पर कोई भी कैमरा ट्रेप गतिविधि कैद नहीं हुई. न ही कोई ठोस सबूत हाथ लग पाया था. इसे लेकर भी विभाग की किरकिरी हुई थी.
अब मिला बाघ होने का पुख्ता सबूत
अब 18 मार्च को बाघ होने का पुख्ता सबूत तब मिला जब डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना ने खुद इस बाघ की तस्वीर खींची. अपने मोबाइल से बाघ की तस्वीर खींचने के बाद श्री जेना ने बताया की करीब 15 मीटर की दूरी से उन्होंने इस बाघ की तस्वीर ली है. अपने आधिकारिक बयान में उन्होंने आगे जोड़ा कि पिछले कई दिनों से कुटकु इलाके में बाघ होने की सुचना मिल रही थी, इसके द्वारा किया गए शिकार के अवशेष, पंजो के निशान भी मिल रहे थे, इसलिए पिछले तीन दिनों से 20 लोगों के टीम के साथ लगातार इस इलाके का मॉनिटरिंग किया जा रहा था. शनिवार को इस बाघ की होने के सबूत मिल गया.
तस्वीरों को भेजा जायेगा NTCA
फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया की अब इस बाघ की तस्वीरों को नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी (NTCA ) को भेजा जाएगा. ज्ञात हो की इस साल जुलाई में देश भर में बाघों की गिनती का रिपोर्ट पेश किया जायेगा. इस बाघ के होने से पीटीआर में भी बाघ होने की रिपोर्ट जारी हो सकेगी. कुमार आशुतोष ने आगे कहा की यह सच है कि पीटीआर के 1129 स्क्वायर किलोमीटर इलाके में मानव घुसपैठ बढ़े है. पर इसे रोकने के लिए भी कई ठोस कदम उठाये गए है. इसी का परिणाम है कि यहां से पलायन कर गए बाघ फिर से अपने स्थायी ठिकाने की ओर लौट रहे है. उन्होंने कहा कि अब इस बाघ को सुरक्षित और उचित माहौल देना हमारी जिम्मेवारी है.