दो एकड़ में की है बैंगन की खेती
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से 91 किमी दूर हुसैनाबाद प्रखंड के बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित दंगवार पंचायत के दुमरहथा, बरवाडीह, नदीआईन आदि गांवों के किसान प्रगतिशील किसान प्रियरंजन सिंह के नेतृत्व में पिपरमेंट, पमरोज़ा, तुलसी, शुगर फ्री आलू, शुगर फ्री धान की खेती कर रहे हैं. बैरांव पंचायत के स्वतंत्रता बिघा, खड़िया, खेकसाही, गेडूराही के किसान सब्जी, स्ट्रॉबेरी, पपीता आदि की खेती से लाखों की कमाई करते रहे हैं. हालांकि इस समय अबतक काम चलाऊ वर्षा भी नहीं हुई है. किसान त्राहिमाम हैं, लेकिन इस हालात में गेदुराही के किसान युगेश्वर मेहता, जनेश्वर मेहता, मिथिलेश कुमार ने दो एकड़ से अधिक जमीन में बैंगन की खेती की है.
छत्तीसगढ़ से मंगाये पौधे
किसान युगेश्वर मेहता ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर के हंसा एग्रीकल्चर से बैंगन के पौधे (गाछी) 6000 लाये गये हैं. 45 दिनों में पौधे में फल-फूल आने लगे. इस बार कड़ी धूप के कारण 400 से 500 पौधे सूख गए. 12 रुपये प्रति पौधा की दर से ख़रीदी की गयी है. 18 माह तक लगातार सब्जी फलती रहेगी.
टपक विधि से करते हैं पटवन
किसान मिथिलेश कुमार ने बताया कि पटवन टपक विधि से की जाती है. इसके लिये पाइप बिहार के औरंगाबाद से लायी गयी है. इससे पानी की भी बचत होती है. उन्होंने बताया तकरीबन डेढ़ वर्ष तक सब्जी निकलती रहेगी. 1000 क्विंटल से अधिक का उत्पादन होने की उम्मीद है. हंसा एग्रीकल्चर से मिली गाइडलाइंस के अनुरूप खेती की गयी है. इधर, बरसात के दिनों में सब्जी की कीमतें आसमान छू रही हैं. यदि बैगन की कीमत औसतन 20 रुपये प्रति केजी रहेगी, तो भी 15 से 20 लाख रुपए की कमाई होगी.
रिपोर्ट : जीतेंद्र, हुसैनाबाद, पलामू