पलामू : औरंगाबाद-मेदिनीनगर मुख्य पथ (एनएच 98) पर कंडा खैरादोहर के समीप 30 एकड़ बंजर भूमि की तस्वीर बदलने लगी है. किसान विवेक दुबे एवं प्रवीण कुमार सिंह द्वारा यहां की बंजर जमीन पर एक वर्ष पहले से स्ट्रॉबेरी, संतरा, नाशपाती, पपीता, आम, नींबू सहित अन्य फलों की खेती की जा रही है. स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों को लाखों की कमाई हो रही है. कोलकाता में इसकी अच्छी डिमांड है. इतना ही नहीं, इससे आसपास के किसान प्रेरित हो रहे हैं.
आसपास के किसान भी हो रहे प्रेरित
स्ट्रॉबेरी की खेती को देखकर यहां के किसानों ने भी इसकी खेती करनी शुरू की है. किसानों ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की मांग कोलकाता के बाजारों में अधिक है. यहां इसकी कीमत 300 से 500 रुपये तक है. स्ट्रॉबेरी की खेती टपक सिंचाई विधि से की जाती है. यहां की बंजर भूमि की बदलती तस्वीर को देखकर अब आसपास के किसान भी इससे प्रेरणा लेकर खेती करने को इच्छुक हैं.
लाखों की कमाई कर सकते हैं किसान
किसान विवेक दुबे द्वारा स्थानीय किसानों को इसकी जानकारी दी जा रही है. नियमित रूप से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब तक सैकड़ों किसान प्रशिक्षण ले चुके हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती देख आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं और स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बना रहे हैं. बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर खेती करने से किसानों में काफी उम्मीदें बढ़ी हैं.
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जलवायु है काफी उपयुक्त
किसान विवेक दुबे ने बताया कि यहां की जलवायु इन फसलों के लिए काफी उपयुक्त है. इसलिए प्रशिक्षण लेकर सही तरीके से खेती करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसकी खेती कर किसान समृद्ध बन सकते हैं. किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. इतना ही नहीं, इसकी खेती कर किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.
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