Paris Olympics 2024 में खेले गए जैवलिन थ्रो गेम में कमाल का प्रदर्शन करने वाले पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम को हर तरफ से उपहार मिल रहा है. अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया था. उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक कर ना केवल गोल्ड मेडल जीता बल्कि ओलंपिक रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया था. खैर अब वो ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद पाकिस्तान वापस लौट आए हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. पहले उन्हें 50 हजार डॉलर (करीब 41,97,552 भारतीय रुपये) मिले. अब गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम को तोहफे में एक भैंस मिलेगी. नदीम को भैंस का खास तोहफा उनके ससुर देंगे. अरशद के ससुर मुहम्मद नवाज ने लोकल मीडिया से बात करते हुए खुद इस बारे में खुलासा किया कि वह अरशद को तोहफे में एक भैंस देंगे. बता दें कि नीरज के गांव में भैंस को तोहफे में दिया जाना बहुत मूल्यवान और सम्माननीय माना जाता है.
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Paris Olympics 2024: अरशद के ससुर ने कही ये बात
अरशद के ससुर मुहम्मद नवाज ने कहा, ‘नदीम को भी अपनी जड़ों पर बहुत गर्व है और कामयाबी के बावजूद, उसका घर अभी भी उसका गांव ही है और वह अभी भी अपने माता-पिता और भाइयों के साथ रहता है.’ अरशद के ससुर नवाज के 4 बेटे और 3 बेटियां हैं. उनकी सबसे छोटी बेटी आयशी की शादी नदीम से हुई है. मोहम्मद नवाज ने आगे कहा, ‘जब हमने 6 साल पहले नदीम से अपनी बेटी की शादी का फैसला किया था, तब वह छोटी-मोटी नौकरी किया करता था. हालांकि वह अपने खेल के प्रति बहुत जुनूनी था और अपने खेतों व घर पर भाला फेंकने का अभ्यास करता था.’
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Paris Olympics 2024: गांव में है बिजली की बहुत किल्लत
आपकी जानकारी के लिए बता दें, अरशद नदीम ने पाकिस्तान सरकार से गुहार लगाई है. अरशद नदीम ने कहा है कि उनके गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, बिजली नहीं आती और गैस को भी लोग तरसते हैं. उन्होंने सरकार से एक यूनिवर्सिटी और युवाओं के लिए एक स्टेडियम बनाने का आग्रह किया है. यह ही नहीं बल्कि उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया है कि उनके गांव की लड़कियों को पढ़ाई के लिए मुल्तान पहुंचने में बस से एक घंटे से भी ज्यादा समय लगता है.
Paris Olympics 2024: ये है नदीम का सपना
अरशद नदीम का सपना अपने गांव के क्षेत्र में एक स्पोर्ट्स अकादमी बनाने का है. उनके पिता ने अपने बेटे के सपने को लेकर बात करते हुए कहा था कि शायद अब यह गोल्ड मेडल की जीत उनके बेटे को अपना सपना पूरा करने में मदद करेगी. बता दें कि नदीम इससे पहले भी पंजाब प्रांत में खेल सुविधाएं न होने के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. उन्होंने बताया था कि एक जेवलिन थ्रो एथलीट होते हुए उन्हें सुविधाओं, कोचिंग से लेकर पैसे की किल्लत भी झेलनी पड़ी थी.
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