Paris olympics 2024: मनु भाकर के गुरु को मिला घर गिराने का नोटिस, जानें इसके पीछे की वजह
Paris olympics 2024 में देश को पहला पदक दिलाने वाली भारत की शूटर मनु भाकर और सरबजोत सिंह के कोच समरेश जंग शुक्रवार को भारत लौटे. खास बात ये है कि वतन वापसी के बाद कोच समरेश जंग को अपने घर को तोड़ने का नोटिस मिला.
Paris olympics 2024 में देश को पहला पदक दिलाने वाली भारत की शूटर मनु भाकर और सरबजोत सिंह के कोच समरेश जंग शुक्रवार को भारत लौटे. खास बात ये है कि वतन वापसी के बाद कोच समरेश जंग को अपने घर को तोड़ने का नोटिस मिला. अर्जुन पुरस्कार विजेता जंग का घर सिविल लाइंस क्षेत्र के खैबर पास इलाके में है. उन्हें इलाके के अन्य निवासियों के साथ नोटिस मिला है. मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग की सब्सिडियरी लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने निवासियों को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जिस क्षेत्र और भूमि पर इलाके का विकास किया गया है वह रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व में है. एलएनडीओ ने कहा है कि खैबर पास इलाके में बने घर और अन्य संरचनाएं अवैध रूप से बनाई गई हैं.
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Paris olympics 2024: मुझे इसके बारे में पता नहीं: समरेश जंग
पेरिस ओलंपिक 2024 से लौटने के बार मीडिया से बात करते हुए समरेश जंग ने कहा, ‘यह उनकी योजना में है और मुझे इसके बारे में पता भी नहीं है. उन्होंने पूरी कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया है. क्षेत्र के निवासियों को कल रात ही डिमोलिशन ड्राइव के बारे में सूचित किया गया था, और अब उनके पास पूरी कॉलोनी खाली करने के लिए केवल दो दिन हैं. मेरा परिवार 1950 के दशक से पिछले 75 वर्षों से यहां रह रहा है. हम अदालत गए लेकिन हमारी याचिका खारिज कर दी गई.’
Paris olympics 2024: दो दिनों में करना होगा घर खाली
घर खाली करने वाले बात को लेकर उन्होंने मीडिया के साथ विस्तार से बात की. खुल के बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘आप डिमोलिशन ड्राइव चलाना चाहते हैं, लेकिन इसे उचित तरीके से चलाया जाना चाहिए और लोगों को समय दिया जाना चाहिए. कोई व्यक्ति सिर्फ एक दिन में अपना घर कैसे खाली कर सकता है?’
Paris olympics 2024: पिछले महीने शुरू हुआ था डिमोलिशन का काम
आपकी जानकारी के लिए बता दें, खैबर पास इलाके में डिमोलिशन पिछले महीने शुरू हुआ था, और साथ-साथ कई कानूनी कार्यवाही भी जारी है. खैबर पास के इलाके में रह रहे परिवारों को मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग की सब्सिडियरी लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने 1 जुलाई को एक नोटिस दिया गया था, जिसमें उन्हें 4 जुलाई तक इलाके को खाली करने के लिए कहा गया था. जिसके बाद निवासियों ने नोटिस को चुनौती दी, जिससे डिमोलिशन ड्राइव में कुछ दिनों की देरी हुई. 9 जुलाई को अंतिम सुनवाई में, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि निवासी याचिकाकर्ता इस बात का कोई सबूत देने में विफल रहे कि जमीन उनकी है और डिमोलिशन की कार्रवाई को रोकने से इनकार कर दिया.