पटना. बिहार में औद्योगिक भूखंड या बियाडा से बाहर उद्योग स्थापित करने के लिए ली जाने वाली जमीन पर अब निजी निवेशकों को निबंधन व स्टांप शुल्क नहीं देना होगा. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा बियाडा या आइडा को आवंटित की जाने वाली भूमि के दस्तावेजों का निबंधन शुल्क भी नहीं लगेगा. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस शुल्क में 100 फीसदी छूट दी है. इस संबंध में गुरुवार को ही अधिसूचना जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. यह अधिसूचना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी होगी.
विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बियाडा को सरकार द्वारा आवंटित भूमि के निबंधन पर अब स्टांप व निबंधन शुल्क नहीं देना होगा. इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अंदर या बाहर की ऐसी कोई भी जमीन जिसका इस्तेमाल निजी निवेशकों के द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए होगा, उसके दस्तावेजों के निबंधन पर स्टांप शुल्क माफ कर दिया गया है. हालांकि इसका लाभ केवल नयी इकाइयों को ही मिलेगा. निबंधन व स्टांप शुल्क के अलावा भू-स्वामी रजिस्ट्रीकरण शुल्क, प्रतिलिपि शुल्क एवं कंप्यूटरीकृत निबंधन के लिये लिया जाने वाला सेवा शुल्क नियमानुसार लिया जायेगा.
निजी निवेशकों को 100 प्रतिशत निबंधन व स्टांप शुल्क में छूट का लाभ तभी मिलेगा, जब उनका निवेश प्रस्ताव राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद से स्टेज-एक क्लियरेंस प्राप्त हो. निजी निवेशकों को छूट का लाभ केवल पहले संव्यवहार में लीज, बिक्री या ट्रांसफर के दस्तावेजों पर प्राप्त होगा. इसके लिए उद्योग विभाग के द्वारा भूमि का विवरण एवं लोकेशन के साथ निवेशकों के नाम से प्राधिकार पत्र निर्गत होगा, जिस पर छूट दी जायेगी. इसके बाद के चरणों पर छूट प्रभावी नहीं होगी. अगर निवेशक राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों का अक्षरश: पालन नहीं करता है, तो दी गयी छूट की राशि निवेशक से उद्योग विभाग के द्वारा वसूल की जायेगी.