अनुपम कुमार, पटना. वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मंगलवार को जारी होने के बाद बिहार में प्रदूषण का बढ़ता लेवल एक बार फिर से गंभीर चर्चा का विषय बन गया है. इसमें कहा गया कि प्रदेश के पांच शहर (दरभंगा, दानापुर, पटना के साथ-साथ छपरा और मुजफ्फरपुर) दुनिया के सर्वाधिक 20 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. यहां पीएम 2.5 की मात्रा बढ़कर 80-90 प्वाइंट तक हो गयी है. यह मानक से 15- 16 गुनी तक अधिक है. दरअसल पिछले चार-पांच वर्षों में बिहार में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पिछले चार वर्षों के आंकड़ों के अनुसार पटना में मुरादपुर से लेकर दानापुर तक के सभी मॉनिटरिंग स्टेशन में दर्ज एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में लगातार वृद्धि हुई है. विशेषज्ञ इसे मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मानते हैं.
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मैदानी क्षेत्र की हल्की दोमट मिट्टी, जो किसी भी वजह से हवा में एक बार उड़ने के बाद बहुत देर तक तैरते रहती है
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बिना पानी डाले सफाई से भी धूलकण उड़ता है
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बिना ढके निर्माण से भी बढ़ रहा धूलकण, जो वातावरण में तैरता रहता है
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नदी किनारे की बालू का हवा के साथ उड़कर आना
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बड़ी संख्या में 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन चल रहे हैं
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दानापुर-255
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पटना-281
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छपरा-260
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मुजफ्फरपुर- 292
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बेगूसराय -344
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सिवान -322
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कटिहार -310
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सहरसा-305
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मॉनिटरिंग स्टेशन – एक्यूआइ 2020-2021-2022-2023
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तारामंडल- 91- NA – 258 – 285
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राजवंशी नगर- 143 – 204 – 305 – 246
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समनपुरा- 119 -171-147 -277
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मुरादपुर- 50 -158 – 239 – 397
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डीआरएम ऑफिस, दानापुर- 80 – 230 – 258 – 255
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(पटना के मॉनिटरिंग स्टेशनों में बीते चार वर्षों में 15 मार्च को दर्ज एक्यूआइ)
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने कहा कि माॅनिटरिंग स्टेशनों के आंकड़े कहते हैं कि प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. पटना, मुजफ्फरपुर और गया में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए हमने एक एक्शन प्लान पहले से लागू किया हुआ है. अन्य शहर, जहां मॉनिटरिंग स्टेशन लगाये पांच वर्ष नहीं हुए हैं, उनके लिए भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है और इसे विभिन्न सरकारी विभागों को कार्यान्वयन के लिए सौंपा गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसका सख्ती से अनुपालन करने की जरूरत है .