कैलाशपति मिश्र, पटना: केंद्र सरकार ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तर्ज पर आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसके लिए देश के पिछड़े 500 प्रखंडों का चयन किया गया है. इसमें बिहार के भी 61 प्रखंड शामिल हैं. आकांक्षी जिले की तरह ही विकास के कई पैमानों पर पिछड़े इन प्रखंडों में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि व जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास जैसे इंडीकेटर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. इन जिलों के लिए केंद्र से अतिरिक्त फंड का भी प्रबंधन किया जायेगा. प्रखंडों की रैंकिंग की जायेगी, ताकि उनमें आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा बढ़ सके. बिहार के पिछड़े 27 जिलों में से 61 प्रखंड का चयन किया गया है.
प्रति व्यक्ति आय और जनसंख्या बना आधार
विकास के कई पैमाने पर पिछड़े प्रखंडों को आगे लाने के लिए शुरू की गयी आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत प्रखंडों का चयन के लिए नीति आयोग ने एक मानक तय किया है. प्रखंडों का चयन करने के लिए नीति आयोग ने प्रति व्यक्ति आय और जनसंख्या को आधार बनाया है. जिसमें प्रति व्यक्ति आय को 75% और जनसंख्या को 25% वेटेज दिया गया है. इसी आधार पर अलग-अलग राज्यों से प्रखंड का चयन किया गया है.
बिहार के 12 जिले देश के आकांक्षी जिलों की सूची में
वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 12 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर और नवादा शामिल हैं. इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है. शिक्षा क्षेत्र के लिए मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना, जिसमें टॉयलेट व पेयजल आदि शामिल हैं.
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आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम तहत राज्यों के चयनित प्रखंड
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राज्य का नाम – कुल चयनित प्रखंड
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बिहार – 61
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उत्तर प्रदेश – 68
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झारखंड – 34
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उड़ीसा – 29
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पश्चिम बंगाल – 29
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