पटना. राज्यभर में जमीनों को लेकर 8082 से मामले ऐसे हैं, जिनके कारण कानून व्यवस्था को खतरा पहुंच सकता है. ये वे मामले हैं जो कहीं दर्ज नहीं हैं. इनमें सबसे अधिक मामले भागलपुर में हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में चौकीदारों की सूचनाओं के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हालांकि, 70 अंचलों से अभी रिपोर्ट आनी बाकी है. दिसंबर 2020 में अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को एक पत्र लिखकर ऐसे मामलों में विशेष कार्रवाई कराने के निर्देश दिये थे.
सरकार ने हत्या, बलवा आदि मामलों की समीक्षा में पाया था कि अधिकतर घटनाओं के पीछे जमीन विवाद है. इसी को ध्यान में रखते हुए भूमि विवादों का जमीनी स्तर पर पता लगाने के लिए 534 अंचलों में तैनात चौकीदारों की जिम्मेदारी तय की गयी थी.
चौकीदारों को कहा गया था कि वे ऐसे भूमि विवाद की रिपोर्ट करें, जिनके कारण हिंसा हो सकती है. शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है. गांवों में जमीन का विवाद किनके- किनके के बीच चल रहा है, इसकी लिखित सूचना अंचलअधिकारी को दें.
चौकीदारों ने अपने- अपने क्षेत्र में ऐसे मामलों की लिखित सूचना सीओ को दी है. इन मामलों की शुक्रवार को विभागीय समीक्षा की गयी. 464 सीओ ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार उन्हें 6574 भूमि विवादों की सूचना दी गयी है. इनमें 553 मामले अकेले भागलपुर के हैं. मुंगेर में छह और शिवहर में नौ मामले आये हैं.
लघु और आर्थिक अपराध से संबंधित कुल 1508 मामलों में सबसे अधिक 345 मामले नवादा में हैं. 70 अंचलों से रिपोर्ट नहीं मिली है. अंचलाधिकारी को जल्दी से जल्दी रिपोर्ट देने को कहा गया है. संयुक्त सचिव चंद्रशेखर विद्यार्थी को इसकी विशेष जिम्मेदारी दी गयी है.
Posted by Ashish Jha