पटना जिले में परिवहन विभाग ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलायेगा. पटना जिला परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च के बचे महीनों में ओवरलोडेड गाड़ियों पर कार्रवाई के लिए टीम बनायी जा रही है. यह टीम बिहटा, दीघा, बाइपास, सिपारा और अनीसाबाद के इलाकों में खास तौर से काम करेगी. अभियान को प्रभावी बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की भी मदद ली जायेगी. जिला परिवहन अधिकारी और मोटर यान निरीक्षक (एमवीआइ) और प्रवर्तन अवर निरीक्षक अपने-अपने स्तर से ओवरलोडेड वाहनों, बसों के खिलाफ अभियान चलायेंगे.
पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी श्रीप्रकाश के मुताबिक, परिवहन विभाग ने पटना सहित अलग-अलग जिलों के लिए ओवरलोडिंग के खिलाफ वसूली के लिए लक्ष्य तय किया है और पटना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में लक्ष्य से ज्यादा की वसूली हो चुकी है. परिवहन कार्यालय को दीघा जैसे इलाकों से बालू कारोबारियों द्वारा अवैध लोडिंग की शिकायत अलग आ रही थी, जिसके खिलाफ कार्रवाई और तेज की जायेगी. सिर्फ बिहटा में ही दो दिनों में अवैध लोडिंग के मामले में 50 लाख का जुर्माना लगाया गया है.
दूसरी ओर परिवहन विभाग ने जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक और प्रवर्तन अवर निरीक्षक को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 506 करोड़ की वसूली का लक्ष्य दिया गया था और तीनों अधिकारियों की तरफ से चलाये गये संयुक्त अभियान में 573 करोड़ की वसूली हो चुकी है. हालांकि अवैध लोडिंग के मामले में प्रवर्तन अवर निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक की तुलना में जिला परिवहन पदाधिकारी को वसूली में ज्यादा सफलता मिली है. हालांकि पिछले कई सालों की तुलना में इस बार बस मालिकों पर भी परिवहन विभाग ने कार्रवाई की है.
उत्तर बिहार की तरफ जाने वाली बसों में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बस के अंदर और छत पर बैठाने की शिकायत के बाद पटना जिला परिवहन कार्यालय की तरफ से की गयी. जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिला परिवहन पदाधिकारी, पटना को 98 लाख, मोटरयान निरीक्षक को 331 करोड़, जबकि प्रवर्तन अवर निरीक्षक को आठ करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. बीते 12 महीनों में पटना डीटीओ ने लक्ष्य से 110 फीसदी ज्यादा वसूली में सफलता हासिल की. पटना डीटीओ ने एक करोड़ छह लाख का जुर्माना वसूला. एमवीआइ पटना को 331 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन 177 करोड़ की वसूली हासिल हुई.