पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने शहर के प्रमुख नौ नालों की अद्यतन स्थिति की जांच के लिए सात विशेष टीमों का गठन किया. टीम ने नालों के अतिक्रमण व नाले की उड़ाही की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट 15 अप्रैल तक सौंपनी है. सात वरीय दंडाधिकारियों के नेतृत्व में नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों, अभियंताओं व अन्य दंडाधिकारियों व पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. विशेष टीम के द्वारा सर्पेंटाइन नाला, मंदिरी नाला, राजीवनगर (कुर्जी) नाला, बाकरगंज नाला, सैदपुर नाला, आनंदपुरी नाला, योगीपुर नाला, बाईपास (केबीसी) नाला व बाइपास (एनसीसी) नाला की जांच की जायेगी. इनके साथ-साथ अंचल अंतर्गत अन्य सभी संबंधित नालों की अतिक्रमण व उड़ाही की जांच की जाएगी.
नौ प्रमुख नालों की होगी जांच
डीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी, ताकि जल-निकासी की उत्कृष्ट व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके. पटना नगर निगम के छह अंचलों व तीन नगर परिषदों फुलवारीशरीफ, दानापुर तथा खगौल क्षेत्र के अंतर्गत प्रमुख नाले की जांच होनी है.
भूमिगत व खुले नाले का प्रवाह व अतिक्रमण की होगी जांच
विशेष टीम के द्वारा भूमिगत व खुले नालों का प्रवाह व नाले पर अतिक्रमण का निरीक्षण किया जायेगा.सभी संप हाउस की वर्तमान स्थिति की समीक्षा व क्रियाशीलता की जांच की जायेगी. बुडको द्वारा कुल 56 स्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन संचालित किया जाता है. 27 अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का संचालन मॉनसून अवधि में पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है.
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अतिक्रमण हटाने का निर्देश
डीएम ने अनुमंडल पदाधिकारियों को नाले पर अतिक्रमण होने की स्थिति में उसे तुरंत हटाने का निर्देश दिया. अतिक्रमण हटाने के लिए अनुमंडल द्वारा निर्धारित तिथि को जिला नियंत्रण कक्ष से दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया जायेगा. अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर, पटना सिटी व दानापुर स्वयं भ्रमणशील रहकर नालों की उड़ाही, प्रवाह व अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यों की निगरानी करेंगे. अतिक्रमण हटाने के क्रम में बुडको, जल संसाधन विभाग व नगर निकायों के पदाधिकारी तथा कर्मी सभी आवश्यक संसाधनों के साथ उपस्थित रहेंगे.