पटना : कोटा से कटिहार जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार को 12:50 बजे दानापुर स्टेशन पहुंची. इस ट्रेन से सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ-साथ श्रमिक उतरे. लेकिन, प्रशासन की व्यवस्था प्लेटफॉर्म पर ध्वस्त दिखी. प्लेटफॉर्म पर उतरे छात्र-छात्राओं को जैसे-तैसे थर्मल स्क्रीनिंग कर खानापूर्ति करते हुए बाहर निकाला गया. छात्र-छात्राओं के लिए ट्रॉली की व्यवस्था की गयी थी, जो पर्याप्त नहीं थी. बच्चे अपने तीन-चार बैग लेकर बाहर निकलते दिखे. इन बच्चों के लिए पर्याप्त संख्या में बसें भी नहीं थीं.
इससे घंटों बस के इंतजार में बाहर खड़े रहना पड़ा. इतना ही नहीं, स्थानीय बच्चे अपने संसाधन से ही घर की ओर निकले और घंटों बाद गोपालगंज, सीवान, छपरा और आसपास के बच्चों को बस से गृह जिला व गृह प्रखंड भेजने की प्रक्रिया शुरू की गयी. बिना स्क्रीनिंग किये भेजे गये श्रमिक बिहार-यूपी बॉर्डर पर फंसे श्रमिकों के लिये भी राज्य सरकार की अनुशंसा पर बुधवार से लोकल स्पेशल ट्रेन चलायी गयी. बुधवार को कर्मनाशा से खुली लोकल श्रमिक स्पेशल ट्रेन 12:30 बजे के करीब दानापुर स्टेशन पहुंची. इस ट्रेन से दर्जनों श्रमिक स्टेशन पर उतरे और 60 से अधिक श्रमिकों को चढ़ाया भी गया.
लेकिन, इनकी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं करायी गयी. वहीं, प्रशासन की ओर से भोजन का पैकेट भी मुहैया नहीं कराया गया. इससे भूखे-प्यासे श्रमिक अपने गंतव्य के लिये रवाना हुए. ड्यूटी पर तैनात जवानों को नहीं मिल रहा है भोजनदानापुर स्टेशन पर पटना पुलिस के 110 जवानों को तैनात किया गया है. ये जवान प्लेटफॉर्म से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया व बस स्टैंड के आसपास ड्यूटी कर रहे हैं. लेकिन, इन जवानों को भोजन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. पुलिस जवानों का कहना है कि पिछले सप्ताह लगातार दो दिन घटिया खाना दिया गया. इसकी शिकायत वरीय अधिकारी से भी की गयी. इसके बावजूद घटिया खाना ही मिल रहा है, तो हमलोगों ने खाना लेना छोड़ दिया है. चार घंटे की देरी से पहुंची अहमदाबाद श्रमिक स्पेशल अहमदाबाद व मुंबई से बुधवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन दानापुर स्टेशन पहुंची. अहमदाबाद से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को दिन के 2:30 बजे पहुंचना था, जो 6:30 बजे पहुंची. इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन से करीब 1200 श्रमिक पहुंचे, जिन्हें थर्मल स्क्रीनिंग कर सर्कुलेटिंग एरिया में खड़ा कराया गया. फिर जिला स्तर पर बसों की व्यवस्था की गयी और श्रमिकों को गृह जिला भेजने की प्रक्रिया शुरू की गयी. वहीं, मुंबई से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को दिन के 12:30 बजे पहुंचना था, जो रात को 9:00 बजे पहुंची. इन श्रमिकों की भी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद भोजन का पैकेट मुहैया कराते हुए गृह जिला भेजा गया.