नीट यूजी और पीजी की काउंसेलिंग प्रक्रिया बिहार में अब तक शुरू नहीं हो पायी है. जबकि कई राज्यों ने नीट काउंसेलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. बिहार के स्टूडेंट्स भी स्टेट कोटे के 85 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन के लिए आयोजित काउंसेलिंग के इंतजार में हैं. काउंसेलिंग शुरू करने को लेकर प्रभात खबर ने बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि काउंसेलिंग की तैयारी परिषद ने पूरी कर ली है.
सुप्रीम कोट के फैसले के इंतजार में काउंसेलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. कोर्ट के फैसला आने के बाद बीसीइसीइबी नीट काउंसेलिंग की तिथि जारी कर देगा.
इडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण फंसा है मामला : ऑल इंडिया कोटा मामले में ओबीसी और इडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण इसमें देरी होने से परेशान नीट यूजी सफल स्टूडेंट्स के साथ-साथ एमबीबीएस डॉक्टर भी परेशान हैं.
मेडिकल कॉलेजों में अब तक नये सत्र में एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. इससे सभी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ स्टूडेंट्स की भी बेचैनी बढ़ गयी है. इस बार एडमिशन प्रक्रिया सत्र 2020 से भी काफी लेट शुरू होने वाली है. इस बार भी एमबीबीएस फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स का सिलेबस कम करना पड़ जायेगा. इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर पड़ेगा.
इस बार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1200 सीटों पर एडमिशन होगा. वहीं, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 900 सीटों पर एडमिशन होना है. डॉ ठाकुर ने कहा कि सत्र 2021 का एडमिशन 2022 में शुरू होने के कारण बिहार को डॉक्टर 2027 में मिलने की उम्मीद है. क्योंकि सिलेबस को छोटा या कम नहीं किया जा सकता है.